जैसा कि अभी सबको मालूम होगा कि अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र में कई फैशन चल रहे हैं और दुनिया भर के कई बड़े-बड़े नेता यहां पर मौजूद चीन का काम है कि कई मुद्दों पर बोलना और उसी के आधार पर दुनिया की राजनीति भी तय की जाती है और यह हम लोग बहुत ही अच्छे से जानते हैं! हेलो कि पहले भारत इस मामले में थोड़ा सा अलग हुआ करता था लेकिन अब चीजें वैसी नहीं रही अब भारत भी आक्रमक रूख अपनाता है!
तुर्की ने उठाया कश्मीर का मुद्दा
हाल ही में तुर्की देश ने भी अपनी नीति को दोहराते हुए एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में खड़े होकर कश्मीर के मुद्दे को उठाया है वहां के लोगों के अधिकारों के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर इस मुद्दे का हल टेबल पर करना चाहिए! यह बात जाहिर तौर पर भारत के लिए थोड़ी चिंताजनक रही क्योंकि इस तरीके से अगर बाहर के देश बोलते हैं तो भारत पर प्रेशर तो बनता ही है!
भारत ने भी दिया जवाब
ऐसे में अब जब कश्मीर का मामला वह भी किसी बाहर वाले देश से उठाया गया तो भारत में भी सायप्रस का मामला उठा दिया! भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में साफ लफ्जो में कह दिया कि हम जानते हैं कि सायप्रस एक अखंड और पूर्ण देश है! भारत सायप्रस के लिए अपनी तरफ से सपोर्ट जाहिर करता है!
साइप्रस को नहीं मानता तुर्की
ऐसे में भारत के इस बयान के बाद तुर्की देश को जलन हुई क्योंकि तुर्की ने अपनी सेना को भेजकर सायप्रस देश का विभाजन करवा दिया था और नार्थ सायप्रस बनवा दिया था तब तुर्की मुख्य सायप्रस देश को अपने देश का ही नहीं मानता! लेकिन भारत ने इस नीति का विरोध कर दिया और सायप्रस के देश होने की घोषणा की जो कि तुर्की के पॉलिटिकल इंटरेस्ट पर बड़ी आहत है!