उत्तराखंड के बाद गुजरात और कर्नाटक में भी बदलाव किया गया है इसकी पटकथा पिछले साल हरियाणा, झारखंड और अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद ही लिख गई थी! लोकसभा का वोट प्रतिशत विधानसभा चुनाव के अंदर बरकरार ना रहने की चिंता से बीजेपी नेतृत्व में अलग-अलग राज जरूरत पड़ने पर नेतृत्व परिवर्तन की रणनीति बनाई थी!
इसी के तहत बीजेपी ने उत्तराखंड कर्नाटक के बाद अब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को इस्तीफा देना पड़ गया पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि यही फार्मूला चरणबद्ध तरीके से हरियाणा त्रिपुरा और मध्य प्रदेश में भी आजमाया जाएगा यही नहीं बल्कि जिन राज्यों के अंदर बीजेपी की सरकार नहीं है वहां भी संगठन में बदलाव किया जाएगा पार्टी नेतृत्व इन राज्यों में जातिगत समीकरण में फिट बैठने और जनाधार वाले नेताओं की तलाश है!
दरअसल पार्टी नेतृत्व की चिंता पिछले साल उस समय बढ़ गई जब विधानसभा के चुनाव में पार्टी को झारखंड और महाराष्ट्र से अपनी सत्ता को गंवाना पड़ गया हरियाणा में पार्टी को सरकार बनाने के लिए जेडीएपी की मदद लेनी पड़ गई इसके बाद इसी साल पश्चिम बंगाल के अंदर पार्टी की चिंता उसके चुनाव के नतीजों ने बढ़ा दी! इन सभी राज्यों में एक तथ्य सामान था किसी राज्य में पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान हासिल मत प्रतिशत को बरकरार नहीं रख पाए!
हालांकि हरियाणा झारखंड महाराष्ट्र के नतीजों के बाद भी नेतृत्व में राज्य वार समीक्षा पर नेतृत्व परिवर्तन की पटकथा तैयार की गई थी! इसी के बाद जब पश्चिम बंगाल में निराशाजनक परिणाम आए पार्टी ने पहले से ही लिखी पटकथा को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया और इसी क्रम में पहले उत्तराखंड फिर कर्नाटक और अब गुजरात के नेतृत्व में परिवर्तन किया गया है!
वही पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि निकट भविष्य में कई और राज्यों के अंदर यह परिवर्तन हो सकता है कई राज्यों की समीक्षा भी हो चुकी हैं इन राज्यों के अंदर जैसे ही जनाधार और जातिगत समीकरण में फिट नेता की तलाश पूरी होती है नेतृत्व परिवर्तन को अमली जामा पहना दिया जाएगा!
वहीं पार्टी के रणनीतिकारों को यह लगता है कि बीते कुछ सालों में राज्य के अंदर एक ऐसा मतदाता वर्ग तैयार हुआ है जो लोकसभा चुनाव में तो मोदी के नाम पर ही वोट करता है लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थानीय नेतृत्व को सामने रखकर वोट देता है ऐसे में राज्यों में जनाधार और जातीय समीकरण में फिट रहने वाले नेताओं की आवश्यकता है!