देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है और अब केंद्र की सरकार ने जीरो टॉलरेंस की निति को अपनाया है! इसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 से बढ़ाकर 50 किमी करने की अधिसूचना जारी की है! वही, कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब और तृणमूल कांग्रेस शासित प्रदेश बंगाल ने संघीय ढाँचे पर हम ला बताते हुए इस फैसले पर आपत्ति जताई है!
केंद्र के इस फैसले से बीएसएफ के काम का दायरा काफी बढ़ गया है! अब बीएसएफ 50 किलोमीटर के दायरे में गश्त, तलाशी अभियान, गिर फ्तारी और जब्ती जैसी कार्रवाई कर सकेगी! ऐसे में केंद्र के आदेश के अनुसार, बल 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय सुरक्षा को खत रा पैदा करने वाली अ वैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में सक्षम होगा!
इससे पहले, बीएसएफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में केवल 15 किमी तक संचालित करने के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन नए आदेश के साथ, अब इसे केंद्र या राज्य सरकारों की अनुमति के बिना 50 किमी तक संचालित करने के लिए अधिकृत किया गया है!
हालांकि, नए आदेश के तहत, पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों- मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में कटौती की गई है! यहां पहले इसका अधिकार क्षेत्र 80 किमी तक था! गुजरात में भी इसका अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है! राजस्थान में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किमी रहेगा!
11 अक्टूबर, 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, “मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय राज्यों और जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों और गुजरात के पचास किलोमीटर के भीतर पूरे क्षेत्र में, राजस्थान और पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम का 50 किलोमीटर का दायरा बीएसएफ के अधीन होगा! केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम 1968 (1968 का 47) की धारा 139 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह कदम उठाया है!
पंजाब के मुख्यमंत्री ने किया विरोध
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस फैसले को पंजाब के साथ धोखा करार दिया! उनका कहना है कि इस से आधे से अधिक पंजाब केंद्र सरकार के कंट्रोल में चला जाएगा! वहीं उन्होंने ट्विटर पर यह भी कहा है कि मैं भारत सरकार के इस एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं! इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ लगे 50 किलोमीटर के दायरे को बीएसएफ के कंट्रोल में दिया गया है! यह संघवाद पर हम ला है!
बंगाल का भी यही हाल
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले को तर्कहीन फैसला और संघवाद पर हम ला करार दिया है! बंगाल के अनुसार इससे केंद्रीय अब राज्यों में अंदरूनी मामलों में केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है! पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री और टीएमसी नेता इरशाद हकीम का कहना है कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहे हैं कानून व्यवस्था राज्य कवि लेकिन तीन सरकार केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रखी है!