वर्तमान में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का अल्पसंख्यक के प्रति झुकाव हमेशा ही सामने आता रहता है और वही बहुसंख्यक को नजरअंदाज किया जाता रहा है! और आप एक बार फिर से दिल्ली की सरकार का यह दोहरा चेहरा सामने आ रहा है! वैसे तो हिंदुओं के त्यौहार को लेकर देश के ऐसे कई सारे राज्य हैं जो की खुशी मनाते हुए नजर नहीं आते हैं और उनके ऊपर प्रतिबंध लगाने की सोचते ही रहते हैं और अब ऐसा ही काम दिल्ली की सरकार भी कर रहे हैं!
दरअसल हिंदुओं का गणेश चतुर्थी का उत्सव नजदीक आ रहा है जिसको लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार का आदेश है कि दिल्ली के अंदर सामाजिक रूप से गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने पर रोक लगा दी गई है और वहां पर कोई पंडाल भी नहीं बनेंगे और ना ही कोई मेला लगे! यही दिल्ली के अंदर 21 जुलाई को सभी ने बकरीद की सामूहिक नमाज भी देखे थे!
दिल्ली में सार्वजनिक रूप से गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने पर रोक, नहीं बनेंगे पंडाल, नहीं लगेगा मेला।
21 जुलाई को सभी नें बकरीद की सामूहिक नमाजें देखी थीं।
— Prashant Umrao (Modi Ka Parivar) (@ippatel) September 8, 2021
अब ऐसे में सवाल उठना तो लाजमी है कि आखिरकार दिल्ली की सरकार अल्पसंख्यक को खुश कर वोट बैंक की राजनीति कर रही है या नहीं? आखिर क्यों हिंदुओं के त्योहारों पर प्रतिबंध लगाया जाता है और मुस्लिमों के त्योहारों पर छूट दी जाती हैं?