हाल ही में तालिबान को अल कायदा के द्वारा बधाई दी गई और यही नहीं बल्कि कश्मीर को लेकर बयान दिया गया है जिसके बाद से भारत की चिंता बढ़ गई है! वहीं दूसरी ओर अल कायदा ने जिस तरीके से वैश्विक जि हाद की बात की है उससे तो वाकई में ही भारत में हलचल हो रहे हैं!
मिल रही जानकारी के अनुसार तालिबान की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह मंत्री अमित शाह के साथ मैराथन बैठक कर रहे हैं और इस बैठक के अंदर कई वरिष्ठ अधिकारियों के भी शामिल होने की सूचना है! बताया तो यह जा रहा है कि इस बैठक के बाद भारत तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर सकता है!
वही आपको बता दें कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद तालिबान की तारीफ की जा रही है और अमेरिका को अप मानित किया जा रहा है! अल कायदा ने इस बीच कहा कि फिलिस्तीन सोमालिया यमन और कश्मीर को इस्लाम के दुश्म नों से आजाद कराने की आवश्यकता है!
तालिबान को बधाई देते हुए एक संदेश में अल कायदा का कहना है कि अफगानिस्तान में विद्रो हियों की जीत ने दिखाया है कि इस्लामी राष्ट्र क्या करने में सक्षम है? उसने यह कहा है कि जीत और सशक्तिकरण की दिशा में जि हाद ही एकमात्र तरीका है!
अल कायदा का यह बयान ऐसे दिन आया है जब तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास त्सटेकजई ने कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को आश्वासन दिया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत विरो धी गति विधियों के लिए नहीं किया जाएगा! भारत ने पहली बार तालिबान के साथ आधिकारिक रूप से बातचीत की और उन्हें बताया कि भारतीयों की सुरक्षित वापसी सबसे बड़ी चिंता है!
वही आपको बता दे कि अभी तक तालिबान ने कश्मीर के मामले पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन उसने अल कायदा का विरोध भी नहीं किया है ऐसे में अलकायदा का आ तंकी अमीर-ul-मोमिन पाकिस्तान से अफगानिस्तान चला गया है और उसका जिस तरीके से वहां पर स्वागत हुआ है वह भारत के लिए चिंता की बात है क्योंकि यह लोग अब कश्मीर की बात कर रहे हैं!