जैसा कि सबको पता है कि अमेरिका ने तालिबान से अपनी सेना को वापस बुला लिया और ऐसे में सेना के वापस बुलाए जाने के बाद से ही अफगानिस्तान के अंदर तालिबान एक बार फिर से सक्रिय हो चुका है! ऐसे में अफगानिस्तान की सरकार इन दिनों काफी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं अफगानिस्तान के कई बड़े शहरों पर कब्जा जमा चुके तालिबान अपनी मंशा में कामयाब होता हुआ प्रतीत हो रहा है और देश की राजधानी काबुल की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है! इस बीच तालिबानी प्रवक्ता मोहम्मद सोहेल साहिब इन दिनों देश दुनिया के कई मीडिया संस्थानों से तालिबान का पक्ष रखते हुए एक नए तालिबान की हिमायत कर रहे हैं जो अपनी पिछली गलतियों को सुधार अफगानिस्तान एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र की कल्पना का दावा कर रहा है!
लेकिन जमीनी हकीकत तालिबान के प्रवक्ता से बिल्कुल ही अलग है जिसकी तस्वीरें लगातार देश दुनिया से आ रही है इस बीच शनिवार को तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद साहिल ने एक भारतीय मीडिया एजेंसी से बात करते हुए यह भी कहा कि हम भारत के द्वारा अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है! वह यानी भारत अफगान लोगों और राष्ट्रीय परियोजनाओं की मदद करते रहे हैं वह इसे अतीत में करते थे मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है कि जिसकी सराहना की जाती है लेकिन यदि भारत यहां पर अपने सैनिकों को भेजता है तो यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा अफगानिस्तान में दूसरे देशों से आए सैनिकों की हालत है क्या रही है यह उनको जाना चाहिए!
वहीं दुनियाभर के देश अफगानिस्तान के अंदर अपने राजनयिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए अपने सैनिकों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं अमेरिका 300 सैनिक और ब्रिटेन 600 सैनिक भेज कर अपने राजनयिकों और लोगों को सुरक्षित वापस लाने की कवायद कर रहा है जबकि तालिबानी प्रवक्ता का कहना है कि हमारी ओर से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है हम किसी भी दूतावास और राजनयिकों को निशाना नहीं बनाएंगे हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है यह हमारी प्रतिबद्धता है!