जब भी हम विंड मिल का नाम सुनते हैं तो हमारे दिमाग में बड़ी-बड़ी मशीनो की तस्वीरें उभरने लगती है। जिनके लिए खुलिओर बड़ी जगह की जरूरत होती थी। ऐसी मशीनों का वजन भी काफी होता है। घरो की छतों पर तो लगाने के बारे में सोच भी नहीं सकते है।
अगर आप सोलर पैनल के बारे सोचते हैं तो उन्हें लगाने के लिए काफी जगह जरूरत होती है। लेकिन हाल ही इस समस्यों का समाधान मिल गया है। आप को बता दें की टेक्नॉलजी की मदद से ऐसे विंड टरबाइन बनाए जा चुके हैं जिन्हे आप घरो की छतो और ऑफिस की छत पर भी लगाया जा सकता है।
हालही में इस टेक्नोलॉजी से जुडी एक वीडियो को महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शेयर किया है। इस टेक्नोलॉजी को Tulip Wind Turbine का नाम दिया गया है। जानिए विस्तार से
जानिए इस टेक्नोलॉजी के फ़ायद :
आम तौर पर जब हम किसी विंड मिल या पवन चक्की (Wind mill) को देखते हैं, तो हमें लंबे-लंबे टावर पर घूमते हुए तीन ब्लेड नजर आते हैं। लेकिन अब टेक्नोलॉजी (technology) की मदद से ऐसे विंड टरबाइन बनाए जा सके हैं। जहां इन्हें मामूली-सी जगह में घर या ऑफिस की छत (office ceiling) पर भी लगाया जा सकता है। इसका फायदा ये कि इससे आपको मुफ्त बिजली (free electricity) मिलेगी।
जी हां, ऐसे ही एक विंड टरबाइन का वीडियो महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने शेयर किया है। इसका नाम है ‘Tulip Wind Turbine’ इसकी खासियत ये है कि इसे बेहद कम जगह में कहीं पर भी इंस्टाल किया जा सकता है। इसके लिए ना तो लंबे टावर और ना ही बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ती है।
कम लागत में ज्यादा लाभ :
इसके दो पंख में से अगर एक पर हवा टकराती है, तो ये उसके अंदर से होकर दूसरे पंख को भी घुमाने लगती है। ऐसे में बेहद कम कीमत और लागत में ये ग्रीन एनर्जी प्रोड्यूस कर सकती है। ये कम हवा में भी बिजली पैदा कर सकत है। इतना ही नहीं ये विंड टरबाइन कई कलर में आता है, यानी आपके होम डेकोर का हिस्सा भी ये बन सकता है। आप अपनी कलर थीम के हिसाब से इसका चुनाव कर सकते हैं।
I often wondered how massive allocations of land (and air, given their height!) for traditional turbines would be sustainable? Multiple forms of generation should be welcomed. For India, tulip turbines are ideal: lower cost, lower space & useful in both urban & rural settings. pic.twitter.com/j6ychzdGmK
— anand mahindra (@anandmahindra) October 21, 2022
इस विंड टरबाइन का वीडियो शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा-“मैं अक्सर सोचता हूं कि पारंपरिक टरबाइन के लिए इतनी सारी जमीन और ऊंचाई पर उन्हें लगाना, आखिर कितना सस्टेनबल है? ऊर्जा पैदा करने के कई तरीकों का स्वागत करना चाहिए” उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये ट्यूलिप टरबाइन एक आदर्श है। लागत में कम, जगह भी कम घेरे, साथ ही शहरी और ग्रामीण दोनों जगह के लिए उपयोगी है।