देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इस मुद्दे पर तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार को घेर रहे हैं. सोशल मीडिया पर आम आदमी की तरफ से मोदी सरकार का विरोध भी देखने को मिल रहा है. इन सबके बीच अब मोदी सरकार हरकत में आ गई है और पीएम मोदी ने बुधवार को दुनियाभर की सभी तेल कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि इस बैठक से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी। बैठक से पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि सभी सीईओ को इसमें बोलने के लिए 3-3 मिनट का समय मिलेगा और फिर पीएम अपनी बात रखेंगे.
किन कंपनियों के सीईओ शामिल थे?
पीएम मोदी के साथ तेल कंपनियों की बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी, रूस की रोसनेफ्ट कंपनी के चेयरमैन और सीईओ डॉ. इगोर सेचिन, सऊदी अरब के सऊदी अरामको के अध्यक्ष और सीईओ अमीन नासर, के सीईओ बर्नार्ड लूनी ब्रिटेन के ब्रिटिश पेट्रोलियम, अमेरिका की श्मलबर्गर लिमिटेड के सीईओ ओलिवर ली पीच, यूओपी की हनीवेल के अध्यक्ष और सीईओ ब्रायन ग्लोवर के साथ-साथ वेदांत लिमिटेड के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल कई अन्य लोगों के बीच उपस्थित थे।
तो क्या अब सस्ता होगा डीजल-पेट्रोल?
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने बताया था कि इस बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन को लेकर बातचीत होगी. भारत में डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं और नियंत्रण से बाहर हैं। ऐसे में इस विषय पर तेल उत्पादक देशों से फीडबैक लिया गया है. उन्होंने कहा कि वह तेल की कीमतों में अचानक गिरावट के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन साथ ही कहा कि सभी देशों को यह समझना होगा कि ईंधन की इतनी ऊंची कीमतें भी सही नहीं हैं।
कोई समाधान निकल सकता है
संभावना है कि इस बैठक के बाद तेल की कीमतों पर कैप लगाई जा सकती है। यानी ऐसा सिस्टम बनाया जा सकता है जिससे एक निश्चित दायरे में तेल की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। सरकार यह भी देख रही है कि क्या किसी अन्य मूल्य सूचकांक के आधार पर तेल की खरीद की जा सकती है या अन्य स्रोतों से भारत में तेल का आयात किया जा सकता है या नहीं। जो भी हो, लेकिन यह बैठक तेल की कीमतों को लेकर एक बड़ा फैसला जरूर लेकर आएगी।