आखिरकार तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सत्ता को बनाने में कामयाब हो ही गया है लेकिन उसके बाद तालिबान अभी सुर्खियों बना हुआ है वह है अपने आपसी मतभेद के चलते! ब्रिटेन की एक मैगजीन के अंदर दावा किया गया है कि कुर्सी की इस ल ड़ाई में तालिबान के सर्वेसर्वा हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मौ त हो गई है और उपप्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बं धक बनाकर रखा हुआ! सत्ता पाने के लिए यह संघर्ष तालिबान के ही दो गुटों के बीच हुआ था! मैगजीन ने यही बताया है कि हक्कानी गुट के साथ इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान मुल्ला बरादर को ही पहुंचा है!
वहीं ब्रिटेन की मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट के अंदर यह बताया है कि सितंबर महीने में तालिबान के दोनों गुटों की बैठक हुई थी इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया था जब हक्कानी नेता खलीलुर रहमान हक्कानी अपनी कुर्सी से उठ गया और उसने ब्रदर पर मुक्के बर साने शुरू कर दिए! दरअसल अब्दुल गनी बरादर लगातार तालिबान सरकार के अंदर कैबिनेट में गैर तालिबानियों और अल्प संख्यकों को भी जगह देने का दबाव बना रहा था ताकि दुनिया के अन्य देश तालिबान की सरकार को मान्यता दे!
वहीं इस मामले के बाद कुछ दिनों के लिए तो अब्दुल गनी ला पता था और अब एक बार फिर से उसे कंधार में देखा गया है रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल गनी बरादर ने आदिवासी नेताओं से मुलाकात की है जिन का समर्थन भी उनको मिला है! हालांकि बरादर पर दबाव बनाकर उसे वीडियो संदेश भी जारी किया गया मैगजीन ने दावा किया है कि इस वीडियो से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बरादर को बं धक बना लिया गया है!
हिबतुल्लाह अखुंदजादा को लेकर रिपोर्ट के अंदर कहा गया है कि अभी तक यह मालूम नहीं लग सका है कि वह कहां पर है वह काफी समय से ना तो दिखा है ना ही उसका कोई संदेश जारी किया गया है! ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनकी मृ त्यु हो गई है तालिबान में सबसे पहले सप्ताह को लेकर ऐसा संघर्ष कभी नहीं देखा गया था! तालिबान और हक्कानी नेटवर्क साल 2016 में एक हो गए थे!