अफगानिस्तान पर बाइडेन सरकार की नीतियों की दुनिया भर में आलोचना हो रही है। बाइडेन ने भी भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात एक बार संबोधित किया। एक हफ्ते में दूसरी बार दुनिया के सामने पेश हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान पर कार्रवाई का आदेश दे सकते है। उम्मीद की जा रही थी कि बाइडेन इस बारे में हिंट दे सकते हैं, लेकिन बाइडेन ने झुनझुना थमा दिया।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा। उन्होंने अफगानिस्तान के हालात के लिए सीधे तौर पर बाइडेन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। चारों ओर से सवालों से घिरे राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अब एक बार फिर सफाई दी है.
अफगानिस्तान में जारी संघर्ष पर अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों को स्वदेश लाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि हमने काबुल हवाईअड्डे को सुरक्षित बनाया है और इस समय अफगानिस्तान में 6000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.
बाइडेन ने कहा कि हवाईअड्डे तक सुरक्षित रास्ता पाने के लिए अमेरिका तालिबान के लगातार संपर्क में है और इसीलिए अमेरिका तालिबान से अमेरिकी लोगों को अफगानिस्तान से बाहर जाने की अनुमति देने के लिए कह रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमने जुलाई से अब तक 18,000 से अधिक लोगों और लगभग 13,000 लोगों को (काबुल से) निकाला है, जब से हमारी सैन्य एयरलिफ्ट 14 अगस्त को शुरू हुई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि इस समय हमारे 6000 सैनिक अफगान धरती पर तैनात हैं। ये जवान काबुल एयरपोर्ट के रनवे को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं. अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए अमेरिका की 31 अगस्त की समय सीमा से पहले हजारों लोगों को निकाला जाना बाकी है।
हालांकि अब इस अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है. बाइडेन ने स्वीकार किया कि अफगानिस्तान में स्थिति गंभीर है। लोग ड र के चलते देश छोड़कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो तस्वीरें आई हैं, मुझे नहीं लगता कि हममें से कोई भी इन तस्वीरों को देख सकता है और उस द र्द को मानवीय स्तर पर महसूस कर सकता है।”
इस बीच तालिबान ने कहा है कि अमेरिका के हटने तक सरकार पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि हम 31 अगस्त तक नई सरकार के गठन पर तब तक कोई फैसला नहीं करेंगे, जब तक कि अमेरिकी पूरी तरह से हट नहीं जाते।