नाना पाटेकर और प्रकाश झा एक अच्छे दोस्त हैं. दोनों ही सरकारी सिस्टम के आस पास फिल्मों में काम करते हुए नज़र आते हैं. नाना पाटेकर जहां सरकारी सिस्टम की गड़बड़ियों से लड़ते हुए रोल अदा करते नज़र आते हैं वहीं प्रकाश झा सरकारी सिस्टम की गड़बड़ियों पर फ़िल्में बनाना पसंद करते हैं. सरकारी नीतियों के खिलाफ बनी फिल्मों से इन दोनों ने देश में बहुत अधिक नाम कमाया हैं.
शायद यही कारण हैं की, प्रकाश झा का घर तोड़ने का इलज़ाम लगने के बावजूद नाना पाटेकर और प्रकाश झा दोनों अच्छे दोस्त हैं. बात शुरू होती है 1980 की जब नाना पाटेकर और प्रकाश झा को लोग जानने लगे थे. दोनों की लोकप्रियता बड़ रही थी ऐसे में प्रकाश झा ने सिनेमा जगत से जुडी दीप्ती नवल से 1985 में शादी कर डाली. 1985 में हुई शादी मात्र तीन साल ही टिक पाई और 1988 में दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया.
इसको लेकर प्रकाश झा का कहना है की दीप्ती माँ बनने वाली थी और आठवें महीने में उनका एबॉर्शन हो गया. जिसके बाद दीप्ती और उनके बीच तनाव बढ़ता चला गया. जबकि मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उस वक़्त नाना पाटेकर और दीप्ती के गहरी दोस्ती हो चुकी थी और इसी कारण से दीप्ती ने प्रकाश से तलाक लिया था. इस दौरान नाना पाटेकर भी अपनी वाइफ नीलकांति के साथ नहीं रहते थे.
कुछ ख़बरों की माने तो नाना पाटेकर साल में मात्र एक बाद ही अपने घर जाया करते थे. घर में नाना पाटेकर बेटा, पत्नी और माँ रहा करते थे, ऐसे में नाना पाटेकर केवल गणेश चतुर्थी मनाने ही घर आते थे. कुछ मीडिया कर्मियों ने यह भी दावा किया था की दीप्ती प्रकाश के नहीं बल्कि नाना पाटेकर के बच्चे की माँ बनने वाली थी. इसलिए प्रकाश झा और दीप्ती के रिश्ते में तनाव बढ़ता चला गया था.
उधर नाना पाटेकर पहले से शादीशुदा थे और एक बच्चे के बाप थे इसलिए दीप्ती के पास एबॉर्शन के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था. बाद में दीप्ती ने दोनों के साथ अपने रिश्ते ख़त्म करते हुए, एक बेटी को अडॉप्ट कर लिया था. उसके बाद नाना पाटेकर जैसे जैसे कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते गए उनका नाम मनीषा कोइराला और आयशा जुल्का से भी जुड़ा. अभी कुछ महीने पहले तनुश्री दत्ता ने मीटू के जरिए नाना पाटेकर पर इलज़ाम लगाया जिसमें उनको बाद में क्लीन चिट भी मिल गई.