सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस जारी किया है। उन्हें यह नोटिस आम्रपाली ग्रुप के साथ 150 करोड़ रुपये के लेन-देन के सिलसिले में जारी किया गया है. दरअसल, सोमवार (25 जुलाई 2022) को सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली ग्रुप के फ्लैट्स की डिलीवरी को लेकर मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा एक मामला भी कोर्ट के सामने आया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस जारी किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है, दूसरी तरफ ग्राहकों को उनके फ्लैट नहीं मिल रहे हैं, इसलिए मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस जारी किया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है.
इस मामले में पीड़ितों का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के समक्ष अपना 150 करोड़ रुपये का बकाया ले लिया है. आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे, जिसके लिए उन पर 150 करोड़ रुपये बकाया हैं। उन्होंने उस दौरान समूह के लिए कई विज्ञापनों की शूटिंग भी की। साल 2016 में जब आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कई अभियान चलाए गए थे। तब धोनी ने खुद को इस ग्रुप से अलग कर लिया था।
पीड़ितों ने कहा कि अगर आम्रपाली ग्रुप धोनी के बकाया की इतनी बड़ी रकम चुकाने के लिए पैसा खर्च करता है, तो उनके फ्लैट अटके रहेंगे। यही वजह है कि अब सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक आर्बिट्रेशन कमेटी की सुनवाई या किसी कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई है।
वहीं आम्रपाली ग्रुप ने यह भी कहा कि फंड की कमी के चलते लोगों को फ्लैट नहीं मिल पा रहे हैं और दूसरी तरफ धोनी ने 150 करोड़ रुपये की मांग करते हुए मामले को आर्बिट्रेशन कमेटी तक ले गए हैं. अगर मध्यस्थता समिति धोनी के पक्ष में फैसला करती है तो आम्रपाली ग्रुप को 150 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। ऐसे में खरीदारों के लिए फ्लैट मिलना मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा यह मामला पहले दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा था, जहां हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन किया था। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पीड़ितों की ओर से दलील दी गई कि आम्रपाली ग्रुप के पास फंड की कमी है, इसलिए उनके द्वारा बुक किए गए फ्लैट उपलब्ध नहीं हैं. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को नोटिस दिया है.