देखा जाए तो इन दिनों केंद्र की सरकार विदेशी संगठनों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने में हिचक नहीं रही है चाहे वह संगठन कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो यदि वह भारत सरकार के कानूनों का उल्लंघन करता अथवा भारत विरोधी गति विधियों में हिस्सा लेता है तो गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय है कारवाही से भी नहीं हिचकते है और अब इसी दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए गृह मंत्रालय ने ईसाई मिश नरी संगठन हार्वेस्ट इंडिया पर धर्मां तरण में लिप्त होने और विदेशी योगदान नियंत्रण अधिनियम 2020 के उल्लंघन में दो षी पाए जाने पर उसका एफसीआरए का लाइसेंस रद्द किया है!
हार्वेस्ट इंडिया एक मिश नरी संस्था है जो कि ईसाई धर्म का प्रचार करती है इस पर एफसीआरए के नियमों के उल्लंघन का आ रोप है कि और लीगल राइट प्रोटक्शन फोरम नामक एनजीओ संस्था ने ध्यान खींचने का प्रयास किया था वहीं इसके साथ ही इसके मुख्य पदाधिकारी सुरेश कुमार ने अ वैध धर्मां तरण में लिप्त होने वाली संबंधी वीडियो भी अपलोड की थी! कहा तो यह जाता है कि ईसाई धर्म में परि वर्तन हेतु हार्वेस्ट इंडिया ने 15 सौ से अधिक कम्युनिटी सेंटर स्थापित किए हैं और वहीं इसके अलावा अतिरिक्त और 1500 से 2000 पादरी इसी कार्य में लगे हुए! खुद सुरेश कुमार अपनी पत्नी सहित किंग्स टेंपल नामक चर्च का संचालन करते हैं!
बता दे कि हार्वेस्ट इंडिया के मुख्य पदाधिकारी सुरेश कुमार केवल धर्मां तरण को ही बढ़ावा नहीं देते हैं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के धुर विरोधी होने के साथ-साथ अपनी वैमनस्य को छुपाने का तनिक भी प्रयास नहीं करते! साल 2018 में अमेरिका के बायोला यूनिवर्सिटी में आयोजित मिशन कॉन्फ्रेंस में वह कहते हुए सुनाई दिए थे कि इस समय हम हिंदू शासन में है और हमारा प्रधानमंत्री एक बुरा आदमी है उसे किसी प्रकार का इसाई पसंद नहीं है और वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है कई पादरियों को 5 वर्षों में मा र दिया गया और हमारे कई मिश नरी भाइयों को वापस भेज दिया गया!
वही सुरेश कुमार ने यह भी कहा था कि हर तरफ अरा जकता है उदासी है पादरी म र रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रहे हैं हमें नहीं मालूम कल भारत में चर्च और ईसाई धर्म के साथ क्या होने वाला है अगले साल 2019 में चुनाव है और मैं प्रार्थना करता हूं कि यह व्यक्ति वापस ना आए!