After Eastern Ladakh, now China has done this act in Uttarakhand: पूर्वी लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है लेकिन इस बीच चीन ने तो उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में उक साने वाली हरकत को कर दिया है! दरअसल चीन की फौज के 100 से ज्यादा सैनिक बॉर्डर पार करके भारत में घुस आए हैं और कई इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट कर दिया है!
स्थिति से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि वहां से पीछे हटने से पहले चीनी सैनिकों ने एक पुल को भी क्षति ग्रस्त कर दिया! पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी पर सकारात्मक प्रगति के बीच उत्तराखंड के इस इलाके में चीन की घुस पैठ ने ख तरे की घंटी बजा दी है!
बाराहोटी इलाके में पहले भी चीन की तरफ से घुस पैठ हो चुकी है! सितंबर 2018 में भी ऐसी खबरें आई थीं कि चीनी सैनिकों ने यहां 3 बार घुस पैठ की है! 1954 में, यह पहला क्षेत्र था जहां चीनी सैनिकों ने घुस पैठ की थी और बाद में अन्य क्षेत्रों पर कब्जा करने का प्रयास किया गया था और फिर 1962 का यु द्ध लड़ा गया था!
30 अगस्त को हुई इस घट ना से आमना-सामना नहीं हुआ क्योंकि पीएलए के सैनिक भारतीय सैनिकों का सामना करने से पहले वापस आ चुके थे! सुरक्षा सूत्रों ने ईटी को बताया कि टुन जून ला दर्रे को पार करके 55 घोड़े और 100 से अधिक सैनिक 5 किमी से अधिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे!
पिछले कुछ सालों में इस इलाके में पीएलए की तरफ से घुस पैठ की मामूली घट नाएं ही हुई हैं! पिछली बार ऐसा जुलाई में हुआ था, इसके बाद नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ गई थीं! पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव पहले से ही बना हुआ है! सरकारी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी सैनिक सेना के घोड़ों के साथ टुन जून ला दर्रे को पार करके बाराहोटी के पास एक चरागाह पार आ गए थे!
माना जाता है कि चीनी सैनिकों का यह दल करीब तीन घंटे तक रहा! चूंकि यह क्षेत्र असैन्यीकृत क्षेत्र है (जहां कोई सैनिक नहीं है), इतनी बड़ी संख्या में पीएलए सैनिकों की उपस्थिति सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिंता का विषय है! सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने इस घुस पैठ की जानकारी दी, जिसके बाद आईटीबीपी और सेना की टीम तुरंत इसकी पुष्टि के लिए वहां पहुंच गई! हालांकि, भारतीय गश्ती दल के आने से पहले ही चीनी सैनिक इलाके को छोड़कर वापस लौट गए थे!
बाराहोती चोटी नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के उत्तर में स्थित है और सैनिक कार द्वारा पहुंचे अंतिम बिंदु से उस तरफ चलते हैं! यह चोटी जोशीमठ से जुड़ी हुई है, जहां भारतीय सेना और आईटीबीपी के कैंप किसी भी बड़े चीनी ऑप रेशन को विफल करने के लिए अलर्ट मोड पर हैं! आईटीबीपी उत्तराखंड में करीब 350 किलोमीटर लंबी सीमा पर नजर रखता है, जो एलएसी का हिस्सा है!
वही, आपको बता दें कि चीन ने भारत के साथ बातचीत की आड़ में एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है! सीमा क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी को मजबूत करने के लिए चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक कई नए शेल्टर बनाए हैं! हाईटेक तकनीक से बने ये शेल्टर जवानों को किसी भी मौसम में सुरक्षित रखने में सक्षम हैं! इतना ही नहीं चीन ने रूस से खरीदे गए एस-400 मिसा इल डिफेंस सिस्टम की दो यूनिट लद्दाख के पास के इलाके में भी तैनात कर दी है!