मुजफ्फरनगर महापंचायत के बाद बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के मौदहा की मंडी समिति में एक किसान महापंचायत आयोजित की गई! ऐसे में इस पंचायत के लिए जो समय तय किया गया था उसके ठीक 1 घंटे पहले इस आयोजन स्थान के नाम मात्र के किसान नजर आए हैं राकेश टिकैत की किसान महापंचायत शुरू तो हो गई लेकिन वहां पर केवल वही लोग नजर आ रहे थे जो उनके साथ ट्रैक्टर में बैठ कर आए थे!
हरी टोपी लगा कर आए समर्थकों ने उनके मंच के आगे बैठकर भी ड़ बढ़ाने की कोशिश की लेकिन वहां के स्थानीय किसानों ने इस महापंचायत में शामिल नहीं होने का फैसला लिया! राकेश टिकैत ने इस किसान महापंचायत के अंदर भाषण तो खूब जम कर दिया लेकिन सब कुछ ऐसा लगा कि जैसे पहले से ही इसकी पटकथा लिखी गई हो उन्होंने किसानों की तमाम समस्या किन वादी और इसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने का भी प्रयास किया!
बुंदेलखंड की अन्ना पशुओं की समस्या जल संकट से लेकर बेरोजगारी तक उन्होंने और तो और सब का ठीकरा योगी सरकार पर फोड़ दिया! वैसे तो बुंदेलखंड से ज्यादा दिल्ली और हरियाणा हावी रहा! वही ऐसे में वहां के स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस किसान महापंचायत की भी ड़ में सबसे बड़ी संख्या समाजवादी पार्टी के समर्थकों की थी यह सभी लोग आसपास की बस्तियों से आए हुए गैर किसान थे और इनमें अधिकतर मुसलमान थे अपनी खेती किसानी रोजी-रोटी में रहने वाला बुंदेलखंड का किसान इस महापंचायत में नादादर था