अफगानिस्तान में हालातों को देखते हुए पूरी दुनिया फिलहाल यह सोचने पर मजबूर है कि क्या फैसला लिया जाए! अमेरिका हो या फिर भारत और अफगानिस्तान की सरकार की तरफ क्या रुख अपनाती है यह देखना भी बड़ा लाजमी होगा! लेकिन इस बीच सोमवार को भारत ने अफगानिस्तान में हालातों को देखते हुए कहा कि वह पहले की तरह अब गानों के साथ ही खड़ा रहेगा! भारत ने अफगानिस्तान को सहायता करने वाले देशों को निर्बाध पहुंच प्रदान किए जाने और समाज के सभी वर्गों को राहत सामग्री के बिना भेदभाव के वितरण की भी जरूरत बताई है!
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि अफगानिस्तान चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है और वहां बेहतर माहौल बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए! वही बता दे कि अफगानिस्तान में हालात पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक में डिजिटल तरीके से अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने गरीबी के बढ़ते स्तर के खतरे पर भी जोर दिया है और साथ ही कहा है कि इसका क्षेत्रीय स्थिरता के लिए विनाश कारी असर हो सकता है!
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का लगातार समर्थन दिया है! उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के प्रति भारत का दृष्टिकोण हमेशा इसके लोगों के साथ हमारी ऐतिहासिक मित्रता द्वारा निर्देशित होता रहा है और आगे भी ऐसा रहेगा!
साथ ही विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में राहत सामग्री पहुंच जाएगी तो दुनिया अफगान समाज के सभी वर्गों में मानवीय सहायता के भेदभाव रहित वितरण की स्वाभाविक रूप से अपेक्षा रखेगी! उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के अंदर राजनीतिक आर्थिक सामाजिक और सुरक्षा हालात में व्यापक बदलाव और इसके परिणाम स्वरूप मानवीय जरूरतों में भी परिवर्तन देखा गया है!
भारत के विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान के करीबी पड़ोसी के रूप में वहां के घट नाक्रम पर भारत नजर रख रहा है उन्होंने कहा कि यात्रा और सुरक्षित आवाजाही का मुद्दा मानवीय सहायता में अवरोध बन सकता है जिसे तत्काल सुलझाया जाना चाहिए!