तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार दो बना ली है लेकिन ऐसे में दुनिया के अलग-अलग दे जिनकी ओर से तालिबान को मान्यता देने के ऊपर अभी भी संशय बना हुआ है और अधिकतर देश कहीं ना कहीं तालिबान का विरोध ही कर रहे हैं क्योंकि हर कोई है देख रहा है कि यह संगठन किसी भी कीमत पर महिलाओं के साथ तो नहीं है और तो और किस ने आम लोगों के जीवन में में भी कुछ खास और बड़े परिवर्तन आ सकते थे उनको आने से भी तालिबान रोक रहा है और लोकतंत्र के तो यह पूरे तरीके के ही खिलाफ हैं लेकिन इन सब से ऊपर उठकर कि अपने काम में लगा हुआ!
हालांकि तालिबान अब सत्ता में तो आ गया है लेकिन उसके पास सरकार को चलाने के लिए पैसा वगैरह मौजूद ही नहीं है और इस समय चीन खुलकर उसकी मदद करने के लिए आगे आ चुका है चीन ने ऐलान के रूप में तालिबान को 31 मिलियन डॉलर की मदद देने की बात भी कह दी है और यह अफगानिस्तान जैसे देश को चलाने के लिए एक बार के लिए तो काफी पैसा है जिसकी मदद से तालिबान अफगानिस्तान में कार्य कर सकता है!
आज के दिन तालिबान से इतना प्यार जता रहा है उसकी मदद कर रहा है तो उसके पीछे ही उसकी मंशा हर कोई बहुत ही अच्छे से जानता है चीन अफगानिस्तान के कई रिसोर्ट जैसे तांबा और लीची की माइनिंग करके अफगानिस्तान से अरबों डॉलर बनाने की उम्मीद लगाए बैठा है यदि ऐसे में तालिबान के साथ में उसका काफी अच्छे संबंध हो रहे हैं तो जाहिर तौर पर कहीं ना कहीं फायदा तो होना ही है और यह बात दुनिया भी बहुत अच्छे से देख रहे हैं माना तो यह जा रहा है कि आने वाले 1 से 2 सालों में ही चीन यहां पर माइनिंग का कार्य शुरू कर सकता है और इस जमीन से काफी पैसा भी बना सकता है!