आपको बता दिया जाए कि कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी रफ्तार के बीच द्य पदार्थ लगातार महंगे होते ही दिखाई दे रहे हैं। जिससे लोगों को भी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
आपको बता दिया जाए कि पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमत तो बढ़ती हुई ही दिखाई दे रही हैं। ऐसे में आप सरसों तेल के अगर खरीदना चाहते है। तो फिर आपको फिर सस्ते में ही मिलने वाला है। खाने के तेलों के भाव में थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही हैं। जिससे आम लोगों का बहुत फायदा हो सकता हैं।
आपको बात दिया जाए कि इस बीच अगर आप सरसों तेल के खरीदना चाहते है तो यह खबर आपके लिए खुशखबरी साबित हो सकती हैं। सरसों तेल की कीमत में कुछ गिरावट देखने के लिए मिल रही हैं। नई कीमत के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि सरसों का तेल 160-170 रुपये प्रति किलो हो चुका है। ग्राहकों के पास खरीदारी करने का इसे अच्छा मौका नहीं मिल सकता हैं।
आपको बता दिया जाए कि सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद होते नज़र आए हैं। उच्चतम स्तर से सरसों की कीमत करीब 30-40 रुपये की गिरावट देखने को मिली है। बाजार सूत्रों के मुताबिक यह बताया जाता है कि महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विन्टल की कीमत पर खरीदते नज़र आ रहे हैं।
आपको बता दिया जाए कि इससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार देखने को मिला है। मिल वालों को सोयाबीन का कारोबार बेपड़ता बैठता हुआ दिखाई दे रहा है और बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य का सामना करना पड़ रहा हैं। यानी मिल वालों, संयंत्रों, आयातकों सभी को भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता हैं।
सूत्रों के मुताबिक यह बताया जाता हैं कि सरकार को इस ओर ध्यान देने की ज़रूरत है। आपको जानकारी दे दिया जाए कि वे अपनी खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65 प्रतिशत आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेलों को बेचना पड़ रहा है।
– मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,840
– 1,965 रुपये प्रति टिन।
– सरसों तेल दादरी- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल।
– सरसों पक्की घानी- 2,265 -2,590 रुपये प्रति टिन।
– सरसों कच्ची घानी।
– 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन।
– तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये।