साल 2020, यह एक ऐसा सवाल है जिसको भूल पाना काफी मुश्किल होगा क्योंकि इस साल विरोध के नाम पर दिल्ली में जो कुछ किया गया वह हर किसी ने देखा है हालांकि उस दौरान सरकार के लाए गए कानून जैसे की नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध हो रहा था! लेकिन उसकी आड़ में दिल्ली में आ तंक मचाया गया! वही, इस मामले में आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन की भूमिका मुख्य रूप से सामने आई थी!
अब दिल्ली की एक अदालत ने दं गों से जुड़े एक मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया है! इनमें ताहिर हुसैन का भाई शाह आलम भी शामिल है! इसके साथ ही राशिद सैफी और शादाब को भी बरी कर दिया गया है!
मामला संख्या 93/2020 के तहत तीनों को बरी कर दिया गया है! विशेष अदालत में मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने भी दं गों की पुलिस जांच पर नाराजगी जताई! उन्होंने सबूतों के अभाव में तीनों आरो पियों को बरी करते हुए कहा कि इस विफलता से निश्चित तौर पर लोकतंत्र के रखवालों को ठेस पहुंचेगी!
अदालत ने कहा,
“जब इतिहास दिल्ली में विभाजन के बाद के सबसे भी षण सांप्र दायिक दं गों को देखेगा, तो नए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करके सही जाँच करने में जाँच एजेंसी की विफलता निश्चित रूप से लोकतंत्र के रखवालों को पी ड़ा देगी!”
अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, “मामले में जिस तरह की जांच की गई, उससे स्पष्ट है कि वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से निगरानी की कमी है!” जांच एजेंसी ने केवल अदालत को अंधा करने की कोशिश की है और कुछ नहीं! अदालत ने कहा कि प्रत्यक्ष दर्शियों, वास्तविक आरो पियों और तकनीकी साक्ष्य के बिना पुलिस आ रोप पत्र दाखिल कर मामले को सुलझाने में लगी है!
वही, कोर्ट ने कहा,
“न्यायालय ऐसे मामलों में न्यायिक प्रणाली के गलियारे में बिन सोचे समझे चक्कर लगाने की अनुमति नहीं देता है। जब मामला ओपन एंड शट केस है तो ये केवल कोर्ट का कीमती समय जाया कर रहा है!”