India returned Afghan MP without paper: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर जब से तालिबान का कब्जा हुआ है तभी से सभी देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने पर लगे हुए हैं! ऐसे में भारत की ओर से भी निकासी अभियान चल रहा है और इस बीच एक अफगान महिला सांसद ने अब दावा कर दिया है कि उसको 20 अगस्त को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया!
महिला सांसद का नाम रंगीना कारगर है, जो अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत का प्रतिनिधित्व करती हैं! कारगर ने इस्तांबुल से भारत के लिए उड़ान भरी थी और सुबह 11 बजे दक्षिण दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी नियुक्ति हुई थी!
बिना किसी दस्तावेज के घुसने की थी कोशिश
अफगानिस्तान की महिला सांसद की दिल्ली एयरपोर्ट से वापसी को लेकर भारत सरकार की ओर से विस्तृत जानकारी दी गई है! सरकार की ओर से कहा गया है कि अफगान महिला सांसद रंगीना कारगर को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से इसलिए डिपोर्ट किया गया क्योंकि उनके पास भारत में मेडिकल जांच से संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं था और न ही अफगानिस्तान दूतावास से कोई दस्तावेज कागज थे!
रंगीना कारगर ने अफगानिस्तान के फरयाब क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। रंगीना कारगर 20 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची थीं! लेकिन उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था!
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया है कि कारगर दुबई से फ्लाइट से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे थे! उनके पास एक राजनयिक पासपोर्ट था जो भारत के साथ पारस्परिक व्यवस्था के तहत वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देता है!
हालांकि अफगानिस्तान में हालात बदलने के बाद सरकार की ओर से सभी तरह के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और सिर्फ ई-वीजा की अनुमति दी गई है! हवाई अड्डे पर एक सुरक्षा अधिकारी ने करगर से हवाईअड्डे पर उस अस्पताल के बारे में जानकारी मांगी, जहां उसका इलाज किया जाना था! इसके अलावा जिस डॉक्टर से वह मिलने जा रहा था, उसके बारे में भी जानकारी मांगी गई! लेकिन करगर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सके!
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कारगर के पास 22 अगस्त को इस्तांबुल का टिकट भी था! लेकिन कारगर ने दावा किया है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई और बाद में उसी एयरलाइंस द्वारा दुबई के रास्ते इस्तांबुल वापस भेज दिया गया!
रंगीना का दावा
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, रंगीना कारगर ने दावा किया कि उन्हें भारत से निर्वासित किया गया और एक अप राधी की तरह व्यवहार किया गया! उन्होंने कहा कि उन्हें दुबई में पासपोर्ट नहीं दिया गया! इस्तांबुल पहुंचने पर वापस दिया गया! रंगीना ने कहा है कि मैंने गांधीजी के भारत से कभी ऐसी उम्मीद नहीं की थी! हम हमेशा भारत के दोस्त हैं, भारत के साथ हमारे सामरिक संबंध हैं! उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि वे असहाय थे और उस समय कुछ नहीं कर सकते थे!
कांग्रेस ने किया समर्थन
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्री द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में महिला राजनयिक के निर्वासन का मुद्दा उठाया गया था! हमने एक महिला (अफगान) राजनयिक का मुद्दा उठाया, जिसे निर्वासित किया गया था! उन्होंने कहा कि यह गलत हुआ है, इसे दोहराया नहीं जाएगा और वे इस मामले को देखेंगे!