पिछले 8 महीनों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले किसानों का मकसद तीनों कानूनों का विरोध करना ही नहीं है बल्कि अपनी सियासत की महत्वकांक्षी को पूरा करना है! जनता के द्वारा नकार दिए गए तथाकथित किसान नेताओं की साजिश का खुलासा 2 किसान नेताओं ने कर दिया! अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकाल पचर ने संयुक्त किसान मोर्चा की पोल खोलते हुए कह दिया कि यह मोर्चा 4 लोगों की निजी कंपनी बन चुका है इसे राजनीतिक दलों की ओर से फंडिंग की जा रही है!
उनका कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा आज राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल और बलबीर राजे वालों की निजी कंपनी की तरह ही काम कर रहा है! वहीं उन्होंने आगे कहा कि यह लोग तीनों कानूनों के विरोध की आड़ में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं इनकी नजर उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है! इन लोगों की योजना 2024 तक विरोध को जारी रखने की है ताकि इसका सियासी फायदा उठाया जा सके!
राष्ट्रीय किसान मोर्चा के वी एन सिंह ने खुलासा किया है कि योगेंद्र यादव किसानों के विरोध का इस्तेमाल अपनी राजनीति को चमकाने के लिए कर रहे हैं! उन्होंने यह भी दावा किया है कि यह तथाकथित किसान नेता मामले को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने के सिवा विरोध कर रहे हैं! राकेश टिकैत के बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा कि कृषि कानून आने से पहले ही राकेश टिकैत इसको लेकर काफी खुश हैं लेकिन कानून लागू होते ही इस कानून से पलटी मार गए और इसका विरोध करना शुरू कर दिया!