उत्तर प्रदेश के आगरा में शाही जामा मस्जिद में बीजेपी नेता और अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने को लेकर वि वाद गहरा गया है. इस मामले में शहर के मुफ्ती मजदुल खुबीब रूमी द्वारा राष्ट्रगान को हरा म और गैर-इस्ला मिक बताने के आ रोप में उनके और उनके बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में जामा मस्जिद के इमाम खुबैब रूमी का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें मस्जिद के अध्यक्ष असलम कुरैशी से बातचीत के दौरान राष्ट्रगान हराम बताते हुए कहा कि ‘डॉन’ ‘अल्ला ह के कहर पर दावत मत करो’।
असलम कुरैशी की शिकायत पर 75 वर्षीय मौलवी और उनके बेटे व मदरसा सह शिक्षक हम्मादुल कुद्दुस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में कुरैशी ने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के विरोध में एक ऑडियो जारी कर मुफ्ती रूमी ने सार्वजनिक शांति और सौहार्द बिगा ड़ने की कोशिश की है.
शिकायत के मुताबिक मस्जिद के अंदर तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाया जा रहा था. इस बीच, मुफ्ती रूमी और उनके बेटे हम्मादुल कुद्दुस शहर में आए और राष्ट्रगान को हराम बताते हुए उसका विरोध कर उसे रोकने की कोशिश की. इतना ही नहीं मौलवी ने उस वीडियो को वाट्सएप ग्रुप पर भी वायरल कर दिया।
ऑडियो वायरल होने के बाद से फिलहाल शेर मुफ्ती मजदुल खुबीब रूमी अंडरग्राउंड हो गए हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें नगर मुफ्ती के पद से भी हटा दिया गया है।
जामा मस्जिद के इमाम के खिलाफ मंटोला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। इस मामले में एसएचओ विनोद कुमार ने कहा, ‘एफआईआर की धारा 153-बी, 505 (जनता को गुमराह करने वाला बयान), आईपीसी की 508 और राष्ट्रीय सम्मान के अप मान की रोकथाम अधिनियम 1971 की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज है.’