India on Taliban: जैसा कि इस समय एक बार फिर से अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत चलने जा रही है! तो ऐसे में यह बड़ा दिलचस्प रहेगा कि तालिबान को भारत मान्यता देता है या नहीं! हालांकि, इस बार भारत ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति पर काम कर रहा है! दरअसल, 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन को मान्यता देने वाले भारत ने इस बार अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ जाने का फैसला किया है!
तालिबान को मान्यता देने में हम पहल नहीं करेंगे
ऐसे में भारत सरकार के एक सूत्र का कहना है कि तालिबान नेताओं का रवैया कुछ दिनों तक देखने और दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों के फैसले के आधार पर कुछ विचार किया जाएगा! पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘तालिबान को मान्यता देने वाले देशों में हम आगे नहीं होंगे! लेकिन डेमोक्रेटिक ब्लॉक के साथ जाएंगे और मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लेंगे!
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नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करे?
वैश्विक राजनीति को समझने वालों का कहना है कि क्वाड संगठन या अन्य पश्चिमी देशों के फैसलों के आधार पर भारत कोई भी फैसला ले सकता है! भारत की ओर से तालिबान को मान्यता देने की मांग की जा सकती है कि वह आतं कवाद को प्रोत्साहित न करे और नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करे!
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अभी तक तालिबान ने अपना शासन घोषित नहीं किया
इन्हीं शर्तों के आधार पर तालिबान शासन की मान्यता पर विचार किया जाएगा! फिलहाल तालिबान ने औपचारिक रूप से अफगानिस्तान में अपना शासन घोषित नहीं किया है और न ही अभी तक कोई व्यवस्था तैयार की है! लेकिन रूस, चीन, तुर्की और ईरान जैसे देशों ने उसका समर्थन करना शुरू कर दिया है!