भारतीय क्रिकेट जगत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2014-15 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर क्रिकेट के चाहने वालों के साथ खिलाड़ियों को भी हैरान कर दिया था उस समय टीम विदेशी कंडीशन में लगातार संघर्ष कर रही थी और उस टेस्ट सीरीज में एक मैच और खेला जाना बाकी था ऐसे में किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि महेंद्र सिंह धोनी किस तरीके से सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहेंगे वही महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के कुछ मिनटों के बाद ही सन्यास लेने का चौका देने वाला फैसला लिया था!
वही महेंद्र सिंह धोनी का 9 साल का टेस्ट क्लियर था वही यह उनके डेब्यू के 1 साल के बाद साल 2006 में ही समाप्त हो सकता था वहीं पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने साल 2020 में स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक दिलचस्प किस्से को याद किया था दरअसल लंबे समय तक धोनी की कप्तानी में खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने खुलासा किया था कि साल 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने पहले टेस्ट शतक के बाद ड्रेसिंग रूम में वापस आने के बाद सन्यास लेने की बात कही थी!
उस समय टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर थी और फैसलाबाद में मैच खेला गया था जहां पर महेंद्र सिंह धोनी ने 153 गेंदों में 148 रन बनाए थे वही ऐसे में धोनी के 48 रन और कप्तान राहुल के 103 रनों की मदद से भारत ने पाकिस्तान के 588 स्कोर के जवाब में 603 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था!
ऐसे में वीवीएस लक्ष्मण ने बताया कि ‘मुझे अभी भी याद है कि वह ड्रेसिंग रूम में वापस आए थे (2006 में फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले टेस्ट शतक के बाद) और जोर से कह रहे था कि ‘मैं संन्यास की घोषणा करने जा रहा हूं। एमएस धोनी, मैं 100 मारा टेस्ट क्रिकेट में, बस यार… मुझे टेस्ट क्रिकेट से और कुछ नहीं चाहिए! यह सुनकर हर कोई हैरान रह गया था लेकिन मुझे लगता था कि धोनी हमेशा से यही थे!