तृणमूल कांग्रेस में बगावत अपने चरम पर हैं, मंत्री तृणमूल कांग्रेस से टूटकर बीजेपी में आने की तैयारी में हैं. बीजेपी नेता भी बयान दे चुके हैं की अगर सब कुछ ठीक रहा तो विधानसभा चुनाव होने से पहले ही पश्चमी बंगाल में सरकार गिर जाएगी. वहीं इस बगावत को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपनी कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा को रविवार (दिसंबर 6, 2020) के दिन एक बैठक में भेजा था.
इस बैठक के दौरान उन्होंने एक पत्रकार जिसे हम लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहते हैं उसे ‘2 पैसे का प्रेस’ कहते हुए सम्बोधित किया. पत्रकारों के एक समूह इसका विरोध कर रहा हैं लेकिन महुआ मोइत्रा ने अपने इस बयान पर माफ़ी मांगने से साफ़ इंकार कर दिया है और इसको लेकर सफाई दे रही थी.
यह विवाद तब सामने आया जब मंगलवार को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में टीएमसी कांग्रेस का कहना हैं की, “इस दो पैसे के प्रेस को यहाँ किसने बुलाया है? ऐसे तत्वों को कार्यक्रम से निकाल बाहर करो. हमारी पार्टी के ही कुछ लोग इन्हें बंद कमरों में बैठक के लिए बुलाते हैं, ताकि वो खुद को टिका देख सकें. ऐसा नहीं चलेगा.”
TMC सांसद के इस बयान को लेकर कोलकाता प्रेस क्लब (KPC) ने अपनी नाराज़गी जाहिर की हैं. उन्होंने कहा है की मीडिया की लोकतंत्र में क्या भूमिका और सम्मान हैं यह किसी से छुपा नहीं हैं. इसलिए नेताओं को मीडिया कर्मियों के साथ अच्छे से पेश आना चाहिए. उन्होंने कहा की हम TMC सांसद के इस बयान की निंदा करते हैं और उनको अपना यह बयान वापिस लेने के लिए कहते हैं.
विवाद को बढ़ता देख और चुनावों का सर पर देखते हुए TMC सांसद जहाँ पहले खुद का बचाव करती नज़र आई वहीं उसके बाद उन्होंने बयान देते हुए माफ़ी मांगी और कहा की, “मैंने जो कुछ, दुःख पहुँचाने वाली और सटीक टिप्पणी की है, उसके लिए मैं माफ़ी माँगती हूँ.” इससे पहले उनका कहना था की, “कोलकाता प्रेस क्लब (KPC) को अपने पत्रकारों को प्रशिक्षित करना चाहिए, क्योंकि कोई भी मोबाइल फोन लेकर आ जाए, तो वो पत्रकार नहीं हो जाता.”