Mayawati cut the leaves of Bahubali Mukhtar Ansari: 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बड़ा ऐलान किया है. इस दौरान मायावती ने कहा है कि आगामी चुनाव में बीएसपी किसी भी बाहुबली या माफिया को टिकट नहीं देगी. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बीएसपी का संकल्प ‘कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है.
मायावती ने काटा मुख्तार अंसारी का टिकट
गौरतलब है किबीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर कहा, ‘बीएसपी का अगामी यूपी विधान सभा आम चुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए. इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मंडल की मऊ विधान सभा सीट से अब मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का नहीं, बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है.’
1. बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
मायावती (Mayawati) ने इसके साथ ही कहा की, ‘जनता की कसौटी और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो.’
2. जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
बीएसपी प्रमुख ने आगे ट्वीट कर कहा, ‘बीएसपी का संकल्प ‘कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है.’
बता दें की इस बार मायावती 2009 की तरह ब्राह्मण और मुस्लिमों का साथ लेकर आगामी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाह रही हैं. अगर इन दोनों का साथ मिला तो वह यह विधानसभा चुनाव भी 2009 ही की तरह जीत सकती हैं. पर क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा.