दरअसल कुछ ऐसी खबर सामने आ रही है कि अदालत ने ऐसे इंसान को जमानत देने से मना कर दिया है जिसका आधार कार्ड बिल्कुल नहीं था और उसने उस आधार कार्ड को दिखा कर लड़की से शादी करने के लिए खुद को हिंदू के रूप में पेश किया था! वही इस शख्स ने पहले तो हिंदू के रूप में खुद को पेश किया फिर उसका धर्म परि वर्तन करवाया और जब उसने विरोध करने की बात करी तो उसको मा रने की भी धम की दी!
ऐसे में राहत से इनकार करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि है विश्वास करने का कोई कारण ही नहीं है कि शिकायतकर्ता ने एक मंदिर में आ रोपी से शादी की है और फिर अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के बचाव में इस्ला मी अधिकारों के साथ दोबारा शादी की!
वहीं अदालत का यह भी कहना है कि आ रोपों की जांच की जानी बाकी है कि आ रोपी ने आधार कार्ड बनवाया और इसी तरीके से महिला से दूसरी शादी की! उन्होंने कहा है कि स्थानीय पुलिस भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जाली आधार कार्ड के मामले में जानकारी प्राप्त करें! अदालत का कहना है कि फर्जी आधार कार्ड बनाना एक गं भीर मामला है!
वही महिला ने अपनी शिकायत में आ रोप लगाया है कि लड़के ने राहुल शर्मा नाम का एक आधार कार्ड दिखाकर साल 2010 में एक मंदिर में शादी रचाई थी लेकिन अपनी बेटी के जन्मदिन पर उसको मालूम चला कि वह मुस्लिम था उसका असली नाम नुरैन था! ऐसे में समाजिक उपहास के ड र से उसने कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की थी जिसका उसने फायदा भी उठाया और उसको इस्लाम स्वीकार करने और परंपरा के अनुसार फिर से शादी करने के लिए भी कहा! जिसके परिणाम स्वरूप उसने जबरदस्त दबाव में और अपने बच्चे के भविष्य को देखते हुए उसे निकाह किया!