अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर को तो न्याय मिल चुका है और अब ऐसे में काशी विश्वनाथ और मथुरा के लिए भी देशभर में मुहिम शुरू हो चुकी है! मथुरा की एक अदालत ने एक अर्जी पर दावा किया है कि ठाकुर कटरा केशव मंदिर की मूर्तियां आगरा में जामा मस्जिद के नीचे हैं!
वहीं इस मामले में वकील शैलेंद्र सिंह ने आगरा की जामा मस्जिद या जहाँनारा मस्जिद की रेडियोलॉजिकल जांच कराने की मांग की है! वकील साहब ने इस मामले में लखनऊ के 5 याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और यह मांग करते हुए अर्जी दायर की है कि मथुरा के कटरा केशव देव मंदिर की मूर्तियां मस्जिद के नीचे हैं!
वहीं से पहले मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में बने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाए जाने के लिए पिछले साल मथुरा डिस्ट्रिक्ट सिविल कोर्ट ने पिछले साल याचिका डाली गई थी! श्री कृष्ण जन्मभूमि पर धार्मिक अति क्रमण के खिलाफ मामले को लेकर सबसे बड़ी रुकावट प्लेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 भी है!
साल 1991 में नरसिम्हा राव सरकार के पास हुए प्लेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 में यह कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के समय धार्मिक स्थानों का जो स्वरूप दिया गया था उसे बदला नहीं जा सकता है यानी कि 15 अगस्त 1947 के दिन जिस धार्मिक स्थल पर जिस संप्र दाय का अधिकार हुआ था आगे भी उसी का रहेगा! इस एक्ट से अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर को अलग रखा गया था