बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अपने आप में एक ऐसी शख्सियत रखते हैं जिनका पूरा जहां फैन है. उन्हें जब कभी भी जरा सी भी चोट लगती है तो पूरा देश से हार जाता है और उनके लिए दुआ मांगने लगता है. अगर आपको भरोसा ना हो तो 1983 का हिस्सा ले लीजिए बता दें कि वर्ष 1983 में अमिताभ बच्चन की कुली फिल्म रिलीज हुई थी और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था.
लेकिन वही इस फिल्म के और पहलू को देखा जाए तो यह फिल्म अमिताभ बच्चन के जीवन की सबसे रिस्की फिल्म बन गई थी इस फिल्म की वजह से वह मौत के मुंह में जाते-जाते बच्चे बचे थे. आलम यह था कि अमिताभ की हालात देख इंदिरा गांधी तक अपने आंसू रोक नहीं पाई.
हम आपको बता दें कि फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान मिताभ बच्चन के साथ एक ऐसा हादसा हो गया था जिसे उनका परिवार और फैंस कभी भी भुला नहीं पाएंगे. उस समय फिल्म की शूटिंग बेंगलुरु में चल रही थी. यहां फिल्म का एक फाइटिंग सीन शूट हो रहा था. एक शॉट में पुनीत को अमिताभ के पेट में घूंसा मारना था, हालांकि पुनीत ने ये घूंसा इतनी जोर से मार दिया कि बिग बी दर्द से कराह पड़े.
बता दें कि अमिताभ को जैसे ही घुसा पड़ा वह दर्द से छटपटा गए वहां मौजूद सभी लोग शुरुआत में समझ नहीं सके लेकिन बाद में पार्क में अमिताभ बच्चन एक पार्क में जाकर लेट गए पर जब दर्द सहन शक्ति के पार पहुंच गया तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां जांच के दौरान पता चला कि अमिताभ बच्चन की पेट की आंतों फट गई हैं.
अमिताभ बच्चन के गंभीर हालत से उबरने के लिए पूरा देश दुआएं मांगने लगा. इंदिरा गांधी को इस बात की जब खबर लगी तो वह भी परेशान हो गई और अपने साथ है राजीव गांधी को अमेरिका से उन्होंने तुरंत भारत वापस भेज दिया.
अमेरिका से लौटने के बाद इंदिरा गांधी सबसे पहले अमिताभ से मिलने पहुंचे वहां अमिताभ बच्चन का हाल देखकर अमित इंदिरा गांधी की आंखों से आंसू निकल आए इस घटना का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई ने अपनी किताब नेता अभिनेता बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स में किया है.
अमिताभ बच्चन के अच्छे सेहत के लिए इंदिरा गांधी ने अपने घर पर विशेष पूजा अर्चना भी करवाई और इतना ही नहीं उन्होंने अमिताभ के लिए देवरहा बाबा सफेद कपड़े में लिपटा एक विशेष ताबीज भी मंगवाया था. जो 10 दिनों तक अमिताभ बच्चन के तकिए के नीचे रखा गया था.