क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को पूरी दुनिया में कौन नहीं जानता. सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट का ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है जो उनके नाम नहीं है. भारत में कई ऐसे क्रिकेटर हुए जो उन्हें देखकर ही बड़े हुए और उन्हीं से खेलना सीखा. बच्चे से लेकर बड़े तक आज हर कोई सचिन के क्रिकेट का फ्रेंड है क्रिकेट की जब भी बात कही जाती है तो सबसे पहला नाम सचिन तेंदुलकर का ही आता है तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं सचिन तेंदुलकर से जुड़ी एक दिलचस्प घटना जिसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होगा.
बता दें कि, यह घटना 1991 की थी। जब देशभर में क्रिकेट का खुमार चढ़ा हुआ था. इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम गुवाहाटी में वनडे मैच के लिए बेले व्यू होटल में ठहरी हुई थी. होटल व्यवसायी अग्निनाथ चौधरी सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर किया था. उन्होंने लिखा था कि, “जब हम सभी के सिर पर बाल थे और हमारे दिल में उम्मीद थी.
उन्होंने आगे कहा कि उस समय हमारे यहां भारतीय क्रिकेट टीम गुवाहाटी आई और हमारे ही होटल में ठहरी यह एक ऐसा समय था जब विनोद कामली उभरते हुए सितारे थे.
फिर उन्होंने पुराने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि, “हम तब स्कूल में थे, मुझे आज भी याद है कि जब हम सचिन तेंदुलकर, विजय यादव, विनोद कांबली, सलिल अंकोला और वेंकटपति राजू के साथ बाहर गए हुए थे. इस दौरान हम अमिंगॉन गुवाहाटी में एक नजदीकी ढाबा के पास ही रुक गए लेकिन ये ढाबा बंद था. हमने भोजन के लिए नींद में डूबे हुए ढाबा के मालिक से अनुरोध किया. लेकिन वह बुरी तरह हम पर भड़क उठे.”
इसी दौरान सचिन तेंदुलकर ने कार की खिड़की से अपना सिर बाहर निकाला और जैसे ही इस शख्स की नजर सचिन तेंदुलकर पर पड़ी तो वह उन्हें इस तरह देखना लगा जैसे मानो उसने कोई भूत देख लिया हो. इसी बीच उन्हें शक हुआ कि हमने भारतीय क्रिकेटर को फिरौती के लिए अपहरण कर लिया.
इतना ही नहीं बल्कि ढाबा के मालिक ने तुरंत पुलिस को बुला लिया, ऐसे में हमें पुलिस को समझाने में भी काफी समय लगा कि, हम सभी तेंदुलकर के नेतृत्व में ही बाहर आए थे. सचिन तेंदुलकर के साथ ही भोजन करने के बाद हम वापस होटल में ठहर जाते. लेकिन फिर भी पुलिस की टीम इस बात की पुष्टि करना चाहती थी. इस दौरान तक हमारे लिए बहुत मुश्किल दौर था कि उन्हें कैसे यकीन दिलाएं कि, उनके द्वारा सोचा गया ये सबसे बुरा विचार था.