मुकेश अंबानी का नाम आज देश के सबसे बड़े बिजनेस में लिया जाता है वो दुनिया के सबसे आमिर आदमी है लेकिन इतना आमिर होना भी आज के समय में ठीक नहीं क्युकी जितना ज्यादा पैसा होता है लोग उतना ही ज्यादा जलने लगते है और ऐसे में कई बार लोग उसके दुश्मन भी बन जाते हैं. ऐसे में मुकेश अंबानी की सुरक्षा और भी जरूरी हो जाती है। हाल ही में त्रिपुरा हाईकोर्ट ने उनके परिवार की सुरक्षा पर रोक लगा दी है। बिकाश साहा नाम के एक शख्स ने अंबानी परिवार को दी गई Z+ सुरक्षा रोक ली है।
तो वही मुकेश अम्बानी पहले बिजनेसमैन बने जिन्हें Z+ सिक्योरिटी मिली है आपकी जानकारी के लिए बतादे की उन्हें यह सुरक्षा वर्ष 2013 से मिली हुई है, जिस पर अब 29 जून 2022 को इसे रोकने के लिए एक याचिका दायर की गई है। अंबानी को पहले Z सुरक्षा दी गई थी लेकिन बाद में इसे बदलकर Z+ कर दिया गया।
ऐसा तब हुआ जब साल 2013 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने अंबानी परिवार को धमकी दी थी। इस परिवार की सुरक्षा में हर महीने 15 से 20 लाख का खर्च आता है, लेकिन खास बात यह है कि मुकेश अंबानी अपनी सुरक्षा का खर्च खुद वहन करते हैं, जबकि ज्यादातर मामलों में सरकार इस सुरक्षा का भुगतान करती है। ऐसे में मुकेश अंबानी को अपनी सुरक्षा का खर्च उठाने वाला पहला शख्स कहा जाता है.
अगर हम मुकेश अम्बानी की सिक्योरिटी की तो उनकी सुरक्षा के NSG, CRPF और प्राइवेट सिक्योरिटी की 8 गाड़ियां चलती है और उनकी सुरक्षा के लिए तेज कमांडो तो रहते ही है वहीँ इसमें 20 ऐसे प्राइवेट गार्ड्स भी मौजूद है जिनकी ट्रेंनिंग इजरायल से हुई है !
जबकि मुकेश अंबानी के काफिले में ज्यादातर वाहन बुलेटप्रूफ होते हैं और मुकेश अंबानी अक्सर अपनी मर्सिडीज में बैठना पसंद करते हैं जो एक बुलेटप्रूफ कार है। उनकी सुरक्षा में मौजूद गार्डों के पास उन्नत हथियार हैं, जिनमें से एक जर्मनी की मशीन गन है। इस गन से एक मिनट में एक साथ 800 गोलियां दागी जा सकती हैं। उनके सुरक्षाकर्मी हमेशा उनके साथ रहते हैं।