1 जून 1949 की बात है जब आज के मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार औपचारिक तौर पर तिरंगे को लहराया गया था और देश के स्वतंत्र हो जाने के बावजूद भी गोपाल को यह दिन देखने के लिए करीब 2 साल का इंतजार तक करना पड़ गया और इसकी सबसे नवाब हमीदुल्लाह! नवाब हमीदुल्लाह आज के बॉलीवुड के अभिनेता सैफ अली खान के ही पूछे थे और इस रिश्ते पर जाने से पहले जान लेते हैं कि नवाब के मोहम्मद अली जिन्ना, पाकिस्तान, मुस्लिम लीग और इस्लाम प्रेस से कैसे हिंदू बहुल भोपाल के भारत में विलय के इंतजार को लंबा कर दिया था!
वहीं भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद अनेक रियासत का भारत में विलय हो गया लेकिन भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह था इसके लिए तैयार ही नहीं थी वह भारत की बजाय पाकिस्तान को तहरीर दे रहे थे ऐसा नहीं होने पर इनका इरादा मुस्लिम शासक को मिलाकर एक अलग देश प्रिंसीस्थान बनाने का था! वहीं पाकिस्तान में भोपाल का विलय भौगोलिक रूप से असंभव था तो वहीं प्रिंसीस्थान के लिए उन्हें अन्य रियासत का सहयोग नहीं मिल पाया और इस बीच पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना भोपाल के नवाब का पाकिस्तान के प्रति प्रेम भाग चुके थे तो मोहम्मद अली जिन्ना ने नवाब को प्रलोभन दिया कि यदि वह भोपाल समेत अन्य मुस्लिम रियासत को पाकिस्तान में मिला देते हैं तो उन्हें पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बना दिया जाएगा लेकिन देसी रियासत नवाब हमीदुल्लाह के साथ आने को तैयार ही नहीं हो!
ऐसे में मध्य प्रदेश की वर्तमान राजधानी भोपाल को लेकर नवाब और जिला के बीच संवाद का गोपनीय पत्र आज भी गोपाल स्वतंत्र आंदोलन स्मारक समिति के सचिव डॉ आलोक गुप्ता ने अपने पास संभाल कर रखा होगा और इतिहासकार डॉ आलोक गुप्ता के अनुसार 14 अगस्त 1947 भोपाल रियासत में भारत में विलय की अंतिम तिथि थी इससे कुछ दिन पहले ही हमीदुल्लाह ने पाकिस्तान में जाने के लिए हाथ पैर मारने भी शुरू कर दिए! उन्होंने 2 अगस्त 1947 को मोहम्मद अली जिन्ना को पत्र लिखा था वही इसमें मोहम्मद अली जिन्ना को संबोधित करते हुए लिखा गया था कि मैं पाकिस्तान का प्रबल समर्थक और मुस्लिम लीग का समर्पित अनुयाई हूं मेरी पाकिस्तान में विलय की प्रबल इच्छा है भोपाल में 80% हिंदू है और हम चारों ओर से हिंदू इस डेट से गिरे हुए मैं चाहता हूं कि नवाब की गद्दी छोड़ दूं और आपकी इस्लाम और पाकिस्तान की सेवा करो इसलिए संविधान सभा में मैं भी मैंने अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा है आपकी इजाजत से ही मैंने चेंबर ऑफ प्रिंसेस स्टेट की चांसलर से थोड़ी है मैंने भोपाल सहित सभी मुस्लिम रियासत को स्वतंत्र रखे जाने की पूरी कोशिश की लेकिन इस काम में हिंदू रियासत का समर्थन नहीं मिला और इसकी मुझे उम्मीद भी नहीं थी!
चिट्ठी में हमीदुल्लाह ने जिन्ना से यह भी कहा था कि अगर मुझे पाकिस्तान में कोई काम नहीं है तो भी बता दिया जाए. उन्होंने पत्र में यह भी लिखा, “मैं आपसे मिलना चाहता हूं। मेरा भविष्य अगले दिनों में तय होना है, इसलिए मुझे आपकी तरफ से एक पक्का आश्वासन चाहिए। मुझे आप पर गहरा विश्वास है। मैं आपका साथ कभी नहीं छोड़ूंगा। अगर पाकिस्तान में मेरी जरूरत नहीं है, मैं कहीं और जाऊंगा, लेकिन भारत में नहीं रहूंगा।”
नवाब हमीदुल्लाह की भारत के प्रति नफरत और पाकिस्तान के प्रति प्रेम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने भोपाल की लगभग आधी आबादी को एक झटके में ही बेहाल कर दिया था। कहा जाता है कि भारत को लेकर नवाब की नीयत इतनी खतरनाक थी कि उसने भोपाल बैंक का पैसा पाकिस्तान भेज दिया था। साल 1948 में नवाब ने पाकिस्तान के कराची शहर में बैंक ऑफ भोपाल की एक शाखा खोली और सारा पैसा यहीं भेज दिया। इसके बाद बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया गया। उस समय शहर के ज्यादातर लोगों ने अपना पैसा इसी बैंक में रखा था। नवाब ने उन हजारों लोगों का खून-पसीना बहा दिया था।
दरअसल, 4 जनवरी 1949 से भोपाल रियासत को भारत में मिलाने के प्रयास शुरू हो गए थे। सरदार पटेल के प्रयासों के बावजूद, हमीदुल्लाह खान ने विलय समझौते पर हस्ताक्षर को स्थगित करने का प्रयास किया। 30 अप्रैल 1949 को जब भोपाल रियासत के विलय के समझौते पर हस्ताक्षर हुए तो नवाब ने बीमारी का बहाना बनाया, लेकिन बिस्तर पर हस्ताक्षर करवाकर भोपाल को भारत का हिस्सा बना दिया गया। इसके बाद 1 जून 1949 को भोपाल भारत का हिस्सा बना।
ऐसा कहा जाता है कि भोपाल के भारत में विलय के बाद नवाब इंग्लैंड चले गए। वहीं उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान ने पाकिस्तान में रहने का फैसला किया। उनका विवाह कुरवाई के नवाब से हुआ था। पाकिस्तान जाने के बाद वहां की सरकार ने उन्हें ब्राजील में अपना राजदूत नियुक्त किया। इसके बाद भी वह पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रहीं। नवाब की छोटी बेटी साजिदा सुल्तान की शादी हरियाणा के पटौदी रियासत के नवाब से हुई थी। नवाब के जाने के बाद साजिदा सुल्तान ने गद्दी संभाली। क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी साजिदा सुल्तान के बेटे थे। बाद में उनकी पहचान भोपाल के नवाब के रूप में हुई। टाइगर पटौदी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर से शादी की है। सैफ अली खान उनके बेटे हैं। इस तरह भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह रिश्ते में सैफ अली खान के परदादा बन गए।