भारत के सिंधिया घराने की समृद्धि और विलासिता का अंदाजा ग्वालियर में स्थित जय विलास पैलेस की भव्यता को देखने से ही चल जाता है 4000 करोड़ की अनुमानित कीमत वाले इस महल में 400 कमरे हैं वहीं नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं! जय विलास पैलेस का निर्माण 9874 में शुरू हुआ था तब जयाजीराव सिंधिया महाराज हुआ करते थे वही महल का डिजाइन पेटर्न केसर माइकल फ्लोर ने तैयार किया था कहा तो यह जाता है कि इस विशाल महल को प्रिंस जॉर्ज और प्रिंसेस मैरी के स्वागत में बनवाया गया था जो 1876 में भारत आए थे!
वही इस महल में 400 कमरे हैं और महल की सीलिंग पर भी सोने जले हुए हैं तीन मंजिल इस महल की अंदरूनी सजावट में 560 किलोग्राम सोना चढ़ा हुआ है इसके अंदर 40 कमरों को एक म्यूजियम बना दिया गया है म्यूजियम में ऐसी कई सारी चीजें रखी हुई हैं जो सिंधिया राजवंश की समृद्धि को दर्शाते हैं साथ ही है ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है इसमें चांदी की बग्गी, झांसी की रानी की छतरी मुगल बादशाह औरंगजेब और शाह आलम के जमाने की तल वारें और विंटेज कार भी शामिल हैं!
वही महल की सीलिंग में दो झूमर लटके हुए हैं जिनका वजन 35 किलोग्राम है इन झुमरो बेल्जियम के कलाकारों ने तैयार किया था कहा था यह जाता है कि झूमर को लगाने से पहले छत पर 10 हाथियों को चढ़ाया गया था ऐसा ही है मालूम लगाने के लिए किया गया था कि छत इतना वजन सहने लायक है या फिर नहीं! करीब 1 हफ्ते तक जांच की प्रक्रिया के बाद इन झुमरो को लगाया गया था!
वही महल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दरबार हॉल है जहां पर महाराज का दरबार इसी हॉल में लगता था वही महल का जब निर्माण हुआ था उस समय इसकी अनुमानित कीमत एक करोड थी और मौजूदा अनुमान के अनुसार इसकी कीमत 4000 करोड़ है!