हाल ही में सरकार ने टैक्स वसूली करने के लिए फास्टटैग सिस्टम को बनाया था और अब खबर है कि सामने आ रही है कि सरकार इस को खत्म करने वाले हैं और इसके बदले अब एक हाईटेक सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है जो कि फास्टटैग से भी तेज हो सके काम करने वाला यह नया सिस्टम सैटलाइट नेवीगेशन सिस्टम पर आधारित होने वाला है!
वहीं सूत्रों के अनुसार नई सिस्टम पर काम करना भी शुरू हो चुका है और यह का पायलट प्रोजेक्ट भी लोन सरकार की तरफ से हो चुका है वह इसी हरी झंडी मिलते ही अब फास्टटैग की जगह पर नेवीगेशन सिस्टम से टोल वसूली का काम भी शुरू किया जाएगा वहीं नए सिस्टम में किलोमीटर के हिसाब से और तय की गई दूरी के हिसाब से टोल टैक्स लिया जाएगा!
वही, अभी तो फास्टटैग में एक बार टॉल टैक्स काटने का नियम है यदि किसी भी हाईवे पर गाड़ी चलती है और टोल प्लाजा पर एक निश्चित राशि उसके अकाउंट से काट ली जाती है और इस राशि का सफर की गई दूरी अभी किलोमीटर से कोई भी वास्ता नहीं होता है वही हम नेवीगेशन सिस्टम में किलोमीटर के हिसाब से पैसा लिया जाएगा और नई सिस्टम में हाईवे या एक्सप्रेस में कितने किलोमीटर का सफर तय होगा उसने ही किलोमीटर का रोड टैक्स देना पड़ेगा!
वही, पायलट ट्रेनिंग भी जारी हो चुकी है ऐसे में किलोमीटर के हिसाब से ही टोल टैक्स की वसूली का सिस्टम यूरोपीय देशों में कामयाब रहा है भारत में भी अब उसी के तर्ज पर इस को लागू करने की तैयारी की जा रही है हालांकि अभी फास्टटैग से 1 टॉल से दूसरे टॉल के बीच का पूरा सेट किया जाता है भले ही आप आधी दूरी तय कर रहे हो लेकिन पूरी दुरी का पैसा देना पड़ता है ऐसे में टोल टैक्स महंगा पड़ता है वहीं जर्मनी में तो यह सिस्टम लागू है कि वहां लगभग 99% गाड़ियों में नेवीगेशन सिस्टम से वसूला जाता है!