बीते कुछ दिनों से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के शामिल होने की खबरें काफी ज्यादा गर्म थी लेकिन प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से चकमा देते हुए पार्टी में शामिल होने से साफ तौर पर इंकार कर दिया ऐसे में खुद प्रशांत किशोर ने अपने टि्वटर हैंडल के जरिए जानकारी देते हुए बढ़ रहे इस सस्पेंस से पर्दा हटा दिया हालांकि कांग्रेस पार्टी में एंट्री की महीनों से चल रही अटकलों पर जिस प्रकार से पीके ने ब्रेक लगा दिया है उसने लोगों को यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार क्यों वह देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं?
वहीं यदि आप सबके मन में भी अब यही सवाल चल रहा है तो जरा रुक जाइए आज हम आपको इसके पीछे की वजह पूरी समझा देते हैं दरअसल कुछ ऐसा हो गया है कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और पार्टी को दोबारा से जान फूंकने के लिए जो भी फार्मूला बनाया था फार्मूले को स्वीकार करना कांग्रेस पार्टी के लिए जरा मुश्किल था ऐसे में प्रशांत किशोर के फार्मूले पर सहमति – कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के भविष्य को लेकर एक बड़ा जोखिम उठाने जैसा था जिसके लिए ना तो गांधी परिवार तैयार है और ना ही पार्टी के दूसरे पंक्ति के कद्दावर नेता और ऐसे में पार्टी ने इस फार्मूले को अपनाने से अपने हाथ ही खींच ली!
तो ऐसे में मंगलवार को प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके बता ही दिया है कि मैंने एंपावर्ड ग्रुप 2020 का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनाव की जिम्मेदारी लेने की कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की आवश्यकता है!
वही प्रशांत किशोर की द्वारा कही गई इन बातों से तो साफ जाहिर यही होता है कि कांग्रेस पार्टी में अभी बहुत ही ज्यादा सुधार होने की आवश्यकता है यहां तक कि वह खुद ही इन सुधारों के लिए अपने आप को कम मान रहे हैं उनका तो मानना है कि पार्टी के नेताओं के अलावा भी कई खामियां हैं जिन को ठीक करने की आवश्यकता है!