Har Har Mahadev will not speak but: मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में BKU नेता राकेश टिकैत ने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा तो लगाया और यह भी कहा कि मुस्लिम भी ‘हर-हर महादेव’ का नारा लगाएँगे जिससे भाईचारा बढ़ेगा लेकिन मुस्लिमों (Muslim) ने उनके इस प्रस्ताव को नकार दिया है. अब सहारनपुर के मुस्लिमों ने उन्हें जवाब देते हुए कहा है कि भले ही हमारी गर्दन कट जाए, लेकिन हम ‘हर-हर महादेव’ नहीं बोलेंगे.
रिपोर्टिंग के दौरान एक मुस्लिम युवक ने कहा कि अल्लाह एक ही है, इसीलिए मुस्लिम सिर्फ ‘अल्लाहु अकबर’ ही बोलेंगे, ‘हर-हर महादेव’ नहीं. ‘हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे’ पर उक्त युवक ने कहा कि राकेश टिकैत भले ‘अल्लाहु अकबर’ बोलें, लेकिन हम अपने नबी के अलावा किसी और का नाम नहीं लेंगे. इस दौरान एक मुस्लिम बुजुर्ग ने भी कहा कि हमारा मजहब जिस चीज के लिए मना करता हो, वो हम कैसे बोल सकते हैं?
गौरतलब है कि बुजुर्ग ने कहा कि ‘किसान आंदोलन’ में मुस्लिम भी जुड़े हुए हैं, इसीलिए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ऐसा कहा होगा. वहीं एक अन्य मुस्लिम व्यक्ति ने कहा कि मुजफ्फरनगर में दंगे के कारण हिन्दू-मुस्लिम में दरार थी, जिसके लिए राकेश टिकैत ने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाया. उसने कहा कि प्यार करने के कई तरीके हैं, नारा लगाना सिर्फ मुद्दा नहीं है. उसने कहा कि राकेश टिकैत ने सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए ऐसा बोला.
इसी दौरान एक अन्य मुस्लिम युवक ने कहा कि राकेश टिकैत ने भाईचारे के लिए एक संदेश दिया, लेकिन हम ‘हर-हर महादेव’ नहीं बोलेंगे. एक अन्य मुस्लिम बुजुर्ग ने कहा कि राकेश टिकैत ने जबरदस्ती किसी से नहीं कहा कि वो ‘हर-हर महादेव’ बोलें, ये गोदी मीडिया की साजिश है जो प्यार-मोहब्बत की बात पर भी ज़हर फैलाती है. उसने कहा कि 7-8 वर्ष पहले भी एक पंचायत हुई थी, जिसे भाजपा ने आगे बढ़ाया है.
रिपोर्टिंग के दौरान वहां पर खड़े कुछ अन्य मुस्लिम लोगों ने कहा कि भाईचारे के लिए सब कुछ कहा जा सकता है, लेकिन वो ‘हर-हर महादेव’ का नारा नहीं लगाएँगे. उन्होंने कहा कि विचारधारा के मामले में वो राकेश टिकैत के साथ हैं. वहाँ उपस्थित कुछ मुस्लिम दुकानदारों ने कहा कि अगर किसान नेता ‘अल्लाहु अकबर’ बोलते हैं तो वो ‘हर-हर महादेव’ बोल सकते हैं. लोगों ने कहा कि ये नारा महेंद्र टिकैत ने दिया था। उन्होंने कहा कि मीडिया तो कुछ भी बुलवा कर दो फाड़ करवा देती है.
गौरतलब है कि, इससे पहले मुजफ्फरनगर के शहीद हुसैन ने कहा था, “मुस्लिम हर हर महादेव नहीं बोलेगा. यह आज का कोई एकांकी नाटक नहीं है. जब महात्मा गाँधी सक्रिय राजनीति में आए, तब वो भी हिंदू-मुस्लिम भाई चारा बढ़ाने के लिए, रोजाना ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान गाया करते थे, लेकिन मुस्लिमों ने इसे कभी भी नहीं गाया. यहाँ तक की देश का विभाजन भी हो गया, तभी भी इसे किसी भी मुस्लिम ने नहीं गाया.”