चीन अभी हाल ही कोरोनावायरस के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ विश्वासघात करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी है. इसके बाद भी चीन (China) चाहता है कि आस्ट्रेलिया बीती बातों पर मिट्टी डालकर उसकी जी हुजूरी करे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया और चीन की एक भी सुनने को तैयार नहीं है. चीन की आस्ट्रेलिया (Australia) को धमकी के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ पलटवार किया है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चीन की धमकी को हवा बताते हुए चीन के खिलाफ कोरोनावायरस की उत्पत्ति की जांच को पूरी तरह से उचित करार दे दिया है.
गौरतलब है कि बुधवार को मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार “निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी जो उचित होगा.” कैनबरा में संवाददाताओं से उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा वायरस है, जिसने दुनिया भर में 200,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है.” इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंद कर दिया है. इस वायरस का प्रभाव असाधारण हैं.”
आगे उन्होंने कहा कि, “अब पूरी दुनिया यह जानना चाहती है कि और इस महामारी का स्वतंत्र मूल्यांकन करना चाहती है, जिससे हम सबक सीख सके और फिर भविष्य में इसे होने से रोक सकते हैं.”
हम आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के कोरोना वायरस को लेकर स्वतंत्र जांच की बात कही थी जिसके बाद चीन काफी बुरी तरह बौखला गया है और अब वे ऑस्ट्रेलिया को खुलेआम धमकी देने लगा है. चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकी दी थी कि यदि उसने चीन विरोधी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रखा तो फिर चीन उसका आर्थिक बहिष्कार भी कर सकता है.
गौरतलब है कि चीनी राजदूत ने अभी हाल ही में कहा, “चीनी जनता ऑस्ट्रेलिया के व्यवहार से काफी रूष्ट है. जनता का मूड चीन में बद से बदतर होता जा रहा है. ऐसे देश हम क्यों जाएं, जो हमारा मित्र ही ना बन सके?”
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए यह कदम बहुत ही साहसी है क्योंकि चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार है जो कि उसकी अर्थव्यवस्था में 194.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का आयात और निर्यात करता है.
पर इस कदम से अभी स्थिति साफ है कि चीन और चाह कर भी अपनी गुंडागर्दी के बल पर दुनिया को नहीं झुका सकता है और अब उस के दिन लद चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध में तेजी से खटास आई हैं और दोनों देशों के बीच मनमुटाव बड़ा है. अब भविष्य में देखना यह है कि ऑस्ट्रेलिया की या नाराजगी चीन को कितनी भारी पड़ सकती है.