उत्तर प्रदेश के कानपुर मामले में आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से एसआईटी ने बुधवार को करीब 7 घंटे तक पूछताछ की! पूछताछ के दौरान इफ्तिखारुद्दीन ने माना है कि जो वीडियो सामने आए हैं, वे उसी के हैं! पूछताछ के दौरान उसने एसआईटी को कुरान की आयतें सुनाईं और कहा कि वीडियो में उसने जो कहा उसमें गलत क्या है! कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन ने कहा कि उन्होंने वही कहा जो कुरान में लिखा है! वह मानने को तैयार नहीं था कि उसने कुछ गलत कहा है!
एसआईटी के सामने पेश होने के दौरान वह अपनी लिखी तीन किताबें भी लेकर पहुंचे थे। एसआईटी को लगता है कि इफ्तिखारुद्दीन ने अपने द्वारा लिखी गई किताबों में वीडियो से ज्यादा आपत्ति जनक भाषा का इस्तेमाल किया है। इसलिए एसआईटी उसकी किताबों की भी गहन जांच करेगी।
दरअसल एसआईटी ने इफ्तिखारुद्दीन को बयान लेने के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आए। उसके बाद मंगलवार (5 अक्टूबर 2021) को उन्होंने एसआईटी को बुलाकर बुधवार को आने का वादा किया। वह बुधवार दोपहर करीब 2 बजे सीबीसीआईडी कार्यालय पहुंचे। सीबीसीआईडी के कार्यालय में एसआईटी के अध्यक्ष और सदस्य ने उनसे पूछताछ की। इसके बाद गुरुवार (7 अक्टूबर) को उसे दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
दरअसल, वायरल वीडियो को लेकर कानपुर के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भूपेश अवस्थी ने भी सीएम योगी से शिकायत की थी. इसमें एक कुर्सी पर बैठा एक शख्स जमीन पर बैठे कुछ मुसलमानों को संबोधित कर रहा है, जिसे आईएएस इफ्तिखारुद्दीन बताया जा रहा है. भूपेश अवस्थी ने वीडियो को आपत्ति जनक बताते हुए कहा है कि इसमें धर्मां तरण की बात हो रही है.
वायरल वीडियो में एक मौलाना इफ्तिखारुद्दीन के साथ बैठा है और कहता है, “पूरे दुनिया के इंसानों को बताओ इस्लाम को आगे बढ़ाओ। अभी पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कबूल किया तो मैंने उन्हें दावत नहीं दी थी। मैंने कहा कि इस्लाम कबूल करने की वजह क्या थी, तो उन्होंने कहा कि मेरी बहन की मौ त। जब उसे जलाया तो वो कपड़े ज ल गए और वो निर्व स्त्र हो गई। फिर मुझे लगा मेरी बेटी भी है। कल को उसे भी लोग ऐसे ही देखेंगे। इसीलिए, मुझे इस्लाम से अच्छा कोई मजहब नहीं लगा और मैंने कबूल कर लिया।”
कानपुर के कल्याणपुर में राजकीय उन्नयन बस्ती के पूर्व अध्यक्ष निर्मल कुमार त्यागी ने बताया कि इफ्तिखारुद्दीन ने बस्ती को नष्ट करने की धम की देकर सैकड़ों परिवारों का धर्म परि वर्तन कराने की कोशिश की थी. उनके अनुसार इस बंदो बस्त को अंग्रेजों ने बसाया था। यहां करीब 600 परिवार हैं और आबादी करीब 5 हजार है। अक्टूबर 2016 में अचानक एक दिन तत्कालीन कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन का काफिला बस्ती में पहुंचा और निवासियों से कहा गया कि उन्हें बस्ती खाली करनी होगी, क्योंकि इस जमीन का इस्तेमाल मेट्रो परियोजना के लिए किया जाना है।
वायरल हुए एक वीडियो में शख्स ने कहा कि आमिर खान और शाहरुख खान भी कमिश्नर के फैन हैं। शख्स के मुताबिक आमिर ने अपने बहनोई को भी कानपुर भेजा था ताकि वह कमिश्नर को सलामी दे सकें. यह वीडियो एसआईटी तक भी पहुंच चुका है। इसकी फोरेंसिक जांच का फैसला लिया गया है। इसकी प्रामाणिकता की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
सीबीसीआईडी के महानिदेशक जीएल मीणा और एडीजी जोन भानु भास्कर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय एसआईटी ने संभागीय आयुक्त कार्यालय और आवास के कर्मचारियों समेत करीब 30 लोगों से पूछताछ की है. एसआईटी ने इफ्तिखारुद्दीन के करीब 80 विवा दित वीडियो जुटाए हैं। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था और शुक्रवार (8 अक्टूबर 2021) तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।
वहीं, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का समर्थन किया। ओवैसी ने कहा था, ‘आईएएस को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया है। उन्हें मुस्लिम होने के कारण निशाना बनाया गया।”