जब प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को नहीं जाने दिया तो राकेश टिकैत इतनी आसानी से कैसे पहुंच गए?

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत लखीमपुर मामले में समझौता करवाने के लिए गए थे लेकिन जिसको लेकर तमाम लोगों ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं! ऐसे में जहां एक तरफ 24 घंटे में देश की राजनीति की तमाम शहरी कैद कर लिए गए हो तो उसी समय राकेश टिकैत आखिरकार आसानी से लखीमपुर पहुंच गए जो सवालों के घेरे में आ गया!

ऐसे में अब लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल भी करना शुरू कर दिया है कि जिस शहर के अंदर घुसने से पहले प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेता को घर में ही पावन कर दिया गया है वहां पर राकेश टिकैत कैसे पहुंच गए? एक सवाल यह भी खड़ा हुआ है कि किसानों के साथ क्या राकेश टिकैत का किराया सरकारी समझौता किसी सीक्रेट डील का हिस्सा था?

दरअसल विपक्ष के तमाम नेताओं और लोगों ने यह सवाल पूछा है कि आखिरकार लखीमपुर मामले के महज 20 घंटे के अंदर सरकार ने कैसे पूरे मामले को शांत करा दिया है विपक्षी लोग यह भी कह रहे हैं कि जिस शहर में प्रियंका गांधी को घुसने से रोकने के लिए पूरा महकमा सक्रिय रहा वहां पर राकेश टिकैत कैसे पहुंच गए विपक्ष के सवाल का आधार वह पूरा मामला भी है जिसमें मुख्य भूमिका राकेश टिकैत की ही थी!

https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1445267326190817282

वही राकेश टिकैत लखीमपुर मामले की करीब 12 घंटे के बाद ही करीब दो दर्जन वाहनों के काफिले के साथ जिले में पहुंच गए इस दौरान प्रशासन और प्रदेश की सरकार ने करीब 400 किलोमीटर के रूट में उनको कहीं भी रोकने की कोशिश नहीं की! वही राकेश टिकैत जिस समय किसानों के बीच लखीमपुर पहुंचे उस समय वहां पर प्रद र्शन शुरू हुई कराया गया था और इसी समय राकेश टिकैत वहां पर पहुंच गए और कहा कि यदि प्रशासन 2 करोड रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी और दो षियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देती है तो समझौता कराया जा सकता है इसके बाद ही लखनऊ के तमाम अफसर चीजें राकेश टिकैत के संपर्क में आ गए और स्थानीय किसानों की दखलअंदाजी खत्म हो गई!

वही बता दे कि किसानों ने पहले यह मांग की थी कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे की गिर फ्तारी कराई जाए हालांकि राकेश टिकैत वह बात मनवाने में कामयाब हुए जो सरकार चाहती थी! इन स्थितियों को देखते हुए पक्ष के लोगों ने यह पूछा है कि क्या राकेश टिकैत शांत कराने के लिए सरकार के इशारों पर ही लखीमपुर खीरी पहुंचाए गए थे! लोगों ने सोशल मीडिया पर भी यह पूछा है कि राकेश टिकैत के समझौते के बावजूद अब तक आरो पियों में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है ऐसे में क्या राकेश टिकैत सरकार से सवाल करेंगे? हालांकि भारतीय किसान यूनियन की ओर से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई!

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