रियल स्टेट के कारोबारी मनीष गुप्ता का मामला इन दिनों काफी सुर्खियों में आया हुआ है! यह मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है! जहां पर बुधवार को उनके परिवार वालों ने मनीष गुप्ता के श व का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया जब से उनका सब गोरखपुर से कानपुर पहुंचा था तब से घर के बाहर रखा गया था ऐसे में पुलिस कमिश्नर से लेकर प्रशासनिक अफसरों के काफी देर तक मनाने के बाद गुरुवार की सुबह आखिरकार अंतिम संस्कार किया गया!
वही इधर परिवार वाले मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पर अड़े है! ₹50 लाख का मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी समेत छह मांगे पुलिस प्रशासन के सामने रखी गई वही मनीष गुप्ता के घर राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है और विरोध हो रहा है!
गोरखपुर राज्य से बुधवार की सुबह करीब 9:30 बजे मनीष गुप्ता का श व घर पर पहुंचाया गया! कुछ ही मिनटों में उनके परिवार वालों और इलाके के लोगों का ताला लग गया! समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं भी समर्थकों के साथ वहां पर पहुंच गए! वहीं पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई!
डीसीपी साउथ रवीना त्यागी एसडीएम एवं एडीएम परिवार वालों को समझाने में जुटे रहे सुबह से शाम हो गई लेकिन परिवार वाले श व का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी नहीं हो रहे थे देर शाम तक बवाल चला परिवार वाले लगातार अड़े रहे कि तत्काल उनको मुख्यमंत्री से मिलवाया जाए!
वहीं दोपहर के बाद पुलिस कमिश्नर असीम अरुण मौके पर पहुंच गए मनीष की पत्नी मीनाक्षी एवं अन्य परिजनों से काफी देर तक बातचीत भी की जिसके बाद उन्होंने शासन के अफसरों से इस मामले में जानकारी दी गई है! पुलिस कमिश्नर मुख्यमंत्री के आदेश पर परिवार वालों से मिलने के लिए पहुंचे थे उन्होंने परिजनों से कहा कि मुख्यमंत्री गुरुवार को शहर आ रहे हैं उसी दौरान उनको उनसे मिलवा दिया जाएगा इसकी अनुमति मिल गई है!
सीपी ने कई बार परिवार वालों से गुजारिश की लेकिन उसके बावजूद भी वह उसका श व उठाने के लिए राजी नहीं हुए इस दौरान अपने परिवार को ₹10 लाख का चेक दिया लेकिन उसको भी लेने से साफ मना कर दिया!
वही मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी और अन्य परिजनों ने उनको गोरखपुर की पुलिस पर सवाल भी उठाए हैं उन्होंने कहा है कि जिस पुलिस ने उनके पति को मा र दिया अब वही केस की जांच करेंगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच में क्या होगा अगर गोरखपुर पुलिस जांच करेगी तो न्याय नहीं होने वाला है इसलिए जांच कानपुर पुलिस को ट्रांसफर की जाए या फिर सीबीआई से जांच करवाई जाए!