Bharat Bandh that too on 27th September: अगर पिछले कुछ समय के अंदर हम उन लोगों के ऊपर नजर डालें जो सरकार विरोधी ही नहीं बल्कि देश विरोधी भी है वह काफी अधिक संख्या में बड़े हैं और हर किसी के यहां पर अपने ही मायने है! अगर अभी की बात की जाए तो यही कारण है कि मोदी सरकार को कई सारे फ्रंट पर लड़ाई करनी पड़ रही है अभी इन दिनों में किसान संगठनों से लेकर चीन हो सब जगह पर जूझना पड़ रहा है इन सब के बीच एक और बड़ी अपडेट सामने आ रही हैं और यह सब उस समय हो रहा है जो प्रधानमंत्री मोदी देश से बाहर है!
दरअसल अभी हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा जिसमें बड़ी संख्या में किसान संगठन एक साथ जुड़े हुए हैं उन्होंने मिलकर एक बड़ा ऐलान कर दिया है कि 27 दिसंबर को भारत बंद रहेगा और इस दिन यह लोग व्यापारिक प्रतिष्ठान आदि खुलने से रोकेंगे तथा इससे देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक धक्का लगने वाला है क्योंकि जाहिर तौर पर व्यापारी गतिविधियां बंद होने पर हर किसी का नुकसान तो होता ही है!
वहीं इस पूरे भारत बंद के पीछे का कारण कृषि कानूनों को बताया जा रहा है जो कि मोदी सरकार ने पिछले साल लागू किए थे और कोई भी इस बात को लेकर यकीन नहीं कर पा रहा है कि जिस बात को लेकर के अब तक राकेश टिकैत भी अलग-थलग पड़ चुके हैं उसे फिर से उड़ाने की कोशिश की जा रही है और अधिकतर राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि केवल और केवल उत्तर प्रदेश के चुनाव में फायदा उठाने के लिए इस तरीके का कार्यक्रम किया जा रहा है!
इसकी झलक उस समय भी देखने को मिल जाती हैं जब आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने भी इसका समर्थन कर दिया और इस कारण से कई स्थानों पर चाहिए थोड़ी सी उथल-पुथल वाले अंदाज में दिखाई दे सकती है क्योंकि किसान संगठनों को अब राजनीतिक दल भी बंद के लिए सपोर्ट कर रहे हैं ऐसे में बीजेपी शासित प्रदेशों में हो सकता है यह अधिक कार्य करना हो लेकिन गैर बीजेपी शासित प्रदेशों में इस बंद का असर काफी देखने को मिल सकता है! रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकारों ने अपने-अपने अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी है ताकि आम लोगों को कोई भी नुकसान ना हो!