असम राज्य एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है दरअसल 5000 साल पुराने मंदिर का मामला है! असम के सिपाझार में जमीन के ऊपर अति क्रमण किया गया तो वही उसको खाली कराने के लिए असम प्रशासन ने पुलिस को भेजा था! लेकिन भी ड़ ने पुलिस पर ही हम ला कर दिया था!
वही अभी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने पीएफआई यानी कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ होने की बात को कहा है! मुख्यमंत्री का कहना है कि पीएफआई दरंग जिले में धौलपुर में तीसरी ताकत के रूप में काम कर रहा था जिसने अ वैध अति क्रमण कारियों को बढ़ाया और फिर उन्होंने खाली करवाने गई सरकारी टीम पर हम ला भी बोल दिया!
यह वह लोग हैं जो सालों से सरकारी जमीन के ऊपर कब्जा जमा कर बैठे हुए थे! वही मुख्यमंत्री के अनुसार इस भी ड़ को उक साने और लोगों को जुटा कर इस मामले को अंजाम देने वाले 6 लोगों को चिन्हित भी किया गया है जिनमें से एक कॉलेज शिक्षक भी शामिल है! वहीं उन्होंने बताया है कि इस मामले के एक दिन पहले ही लोगों को भोजन देने के नाम पर पीएफआई के लोगों ने क्षेत्र का दौरा किया था!
असम की सरकार ने इस मामले में महत्वपूर्ण दस्तावेज केंद्र की सरकार को भेजे हैं और मांग की है कि पीएफआई पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाए! राज्य सरकार को भी यह जानकारी मिली है कि पीएफआई के के लोगों ने पिछले 3 महीने में अति क्रमण कारियों से 2800000 रुपए की वसूली की है जिसके बदले वादा किया था कि वह अ वैध कब्जे वाली जमीन को खाली नहीं होने देंगे जब वह ऐसा करने में नाकामयाब रहे तो उन्होंने भी ड़ को उक साया!
वहीं दूसरी ओर पीएफआई ने इस मामले में मुख्यमंत्री को ही घुड़की देते हुए चुनौती दी कि अगर उनके संगठन के विरोध के कोई भी सबूत है तो इसको आधुनिक कर के दिखाइए! PFI का कहना है कि राज्य के अंदर उपचुनाव होने वाले हैं इसलिए जमीन खाली करने की प्रक्रिया को सांप्र दायिक रंग दिया जा रहा है और मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं! बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ भी इस मामले में राज्य सरकार के खिलाफ ही खड़ी दिखाई दी!
वही मुख्यमंत्री ने खुफिया एजेंसियों से मिली हुई जानकारी के आधार पर यह सब बातें सही है यह सूचना भी मिली है कि कॉलेज का एक लेक्चर दिया गया था ताकि वि वाद को बढ़ाया जा सके! उन्होंने पूछा कि जहां पर 60 परिवार को हटाना था वहां 10000 लोग कैसे जमा हो गए?
#AssamHorror | Assam government has evidence about the involvement of certain individuals in the violence that took place in #Darrang during an eviction drive against land encroachers, said CM #HimantaBiswaSarma.https://t.co/cNm2WEZ5Xm
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) September 25, 2021
उन्होंने कहा है कि पीएफआई के विरोध में जो कार्यवाही की जा सकती है उसको असम सरकार बिल्कुल करेगी! केंद्र को डोजियर भेजा जाना उसी का हिस्सा है राज्य सरकार ने अ वैध कब्जा खाली कराने से पहले AAMSU के साथ दो बार बैठक की थी!