सिद्धू और चन्नी का गुप्त ईसाई कनेक्शन?

पिछले कुछ समय से देश के अंदर कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं जिसको जाने के बाद हर कोई सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है? देखा जा रहा है कि कुछ लोग धर्म बदलवाने के चलते काफी ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं! और इस तरह की खबरें आए दिन आती ही रहती है! वहीं दूसरी ओर अब पंजाब से जो आंकड़े सामने आए हैं वह वह चौका देने वाले हैं!

दरअसल पिछले दो दशकों में पंजाब में ईसाई मिश नरियों के द्वारा धर्मां तरण गतिविधि में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है ऐसे में पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर कई चौका देने वाली खबरें भी सामने आए हैं! उनकी पुरानी तस्वीर भी वायरल हो रही है जिसके अंदर पंजाब के नए मुख्यमंत्री को ईसाई धार्मिक चिन्हों से जुड़े वस्त्र पहने हुए दिखाया गया है! चरणजीत सिंह चन्नी की तरह ही नवजोत सिंह सिद्धू भी कई बार ईसाइयों को लेकर सकारात्मक रहे हैं! ऐसे में यह आशंका जताई जाने लग गई है कि आने वाले समय में पंजाब के अंदर ईसाइयों की तादाद में काफी ज्यादा वृद्धि हो सकती है!

दरअसल साल 2016 में 20 पेटकोस्टल ईसाई नेता ने दावा किया था कि इस आई कुल आबादी का 7% से 10% हिस्सा है! मीडिया के अंदर ऐसी खबरें आई कि अंकुर नरूला और गुरुशरण कोर जैसे लोग फर्जी लालच और अ वैध तरीके से पंजाब में धर्मां तरण गति विधियों को अंजाम दे रहे हैं! पिछले दो दशकों में पंजाब में ईसाई मिश नरियों के द्वारा धर्मां तरण के कई वीडियो भी सामने आए हैं! अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पंजाब के अंदर 1.26 फीसदी ईसाई, 57.7 फीसदी सिख और 38.5 फीसदी हिंदू हैं! ऐसे में पंजाब के नए मुख्यमंत्री की जिस तरीके से तस्वीर वायरल हो रही हैं इसके बाद यह माना जा रहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी एक क्रिप्टो इसाई हो सकते हैं!

https://twitter.com/iProudSikh/status/1439642488835227649

ऐसे कई वीडियो भी देखे जा चुके हैं जिनके अंदर वह ईसाइयों की पवित्र उपासना भी करते नजर आ रहे हैं इसके चलते राज्य के अंदर ईसाइयों की संख्या कई गुना बढ़ने पर भी शक जताया जा रहा है! हाल ही में खबर भी ऐसे सामने आई थी कि कैसे पंजाब में ईसाइयों के लिए दुनिया की चौथे सबसे बड़े चर्च का निर्माण किया जा रहा है जो कि अंकुर नरूला नाम का शख्स बनवा रहा है! खास बात यह है कि साल 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों में एक चौका देने वाली बात सामने आई थी क्योंकि राज्य में जो भी धार्मिक आबादी तेजी से बढ़ रही हैं वह ईसाई ही है! खबरों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के अंदर ईसाइयों की वृद्धि दर लगभग 9% है!

पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब में हिंदू और सिख दो सबसे बड़े धार्मिक समुदाय हैं, लेकिन कहा जाता है कि पंजाब में ईसाई समुदाय 1.26 प्रतिशत से अधिक है! मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि मदद के नाम पर पंजाब में हिंदू और सिख समुदाय के गरीब तबके का धर्मां तरण कर रहे हैं!

यह भी उल्लेख करना उचित है कि अंकुर नरूला पंजाब में रहने वाले एक धर्मां तरित व्यक्ति हैं। इसने 2008 में यूपीए -1 शासन के दौरान 3 अनुयायियों के साथ धर्मां तरण का व्यवसाय शुरू किया और तब से इसमें वृद्धि देखी गई है। अब पंजाब में साप्ताहिक चर्च सेवाओं की संख्या 150000 से अधिक हो गई है। 2016 में, ईसाई नेता इमानुल रहमत मसीह ने कहा, “वास्तव में, राज्य में हमारे पास 7 से 10% आबादी है, लेकिन नई जनगणना हमें 1% से कम दिखाती है।” आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उन्होंने 2016 में 10 फीसदी होने का दावा किया था तो अब 5 साल बाद यह फीसदी उछला होगा!

अब अगर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी एक वास्तविक क्रिप्टो-ईसाई हो सकते हैं, तो पंजाब में बेलगाम धर्मां तरण में एक और तेजी आ सकती है। विदेशी फंडिंग के जरिए मदद के नाम पर पंजाब में हिंदू और सिख समुदाय के गरीब तबके का धर्मां तरण किया जा रहा है. सिद्धू का ईसाइयों के प्रति भी ऐसा ही रवैया रहा है, जो ईसाइयों से जुड़े कार्यक्रमों में देखा गया है।

सिद्धू को ईसाइयों के पक्ष में यह कहते भी सुना गया है कि जो कोई भी आपको उठी हुई आंखों से देखेगा, उसकी आंखें नि काल ली जाएंगी। सिद्धू के साथ ईसाइयों से जुड़े धार्मिक परिधान भी देखे गए हैं। जब आरएसएस नेता मोहन भागवत ने बीजेपी में मिश नरियों को लेकर आक्रा मक रवैया अपनाया। उस दौरान भी सिद्धू ने ईसाइयों और मिश नरियों के समर्थन में बयान दिया था। देखा जाए तो यह कैथोलिक कांग्रेस का सुनियोजित कदम है। संभवत: वोट के लिए कई सिखों और हिंदुओं को ईसाई धर्म में परि वर्तित करने के उद्देश्य से।

सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में ईसाई कार्यकर्ता जॉन दयाल का बहुत महत्व था। क्रिप्टो-ईसाइयों की अवधारणा को परिभाषित करते हुए, जॉन दयाल कहते हैं कि यह एक अद्वितीय दोहरा जीवन है। सार्वजनिक रूप से हिंदू और आधिकारिक रिकॉर्ड पर हिंदू, व्यक्तिगत रूप से यीशु मसीह के प्रति वफादारी दिखाते हुए। जर्मन फेडरल गवर्नमेंट साइट पर 2014 के एक लेख में, दयाल ने लिखा कि ये समुदाय बड़ी संख्या में रहते हैं, खासकर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों में। ये लोग अपने आधिकारिक पंजीकरण से बचते हैं ताकि वे सरकारी कार्यक्रमों से लाभान्वित हो सकें।

जॉन दयाल की क्रिप्टो-ईसाई धारणा के अनुसार, यह समझा जा सकता है कि कैसे चरणजीत सिंह चन्नी भी दोहरी जिंदगी जी रहे हैं, जो आधिकारिक तौर पर खुद को हिंदू होने का दावा करते हैं, लेकिन उनके दिमाग में मुख्य प्यार ईसाई धर्म है। ऐसे ही बनें। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर क्रिप्टो ईसाई की अवधारणा वाला ऐसा व्यक्ति राज्य का सीएम बना रहता है, तो राज्य में ईसाइयों की संख्या में भारी वृद्धि हो सकती है, अंकुर नरूला जैसे लोग जो अपना व्यवसाय चलाते हैं। राज्य में गुप्त रूप से धर्मां तरण का कार्य अब वे यह सब कार्य बड़ी आसानी से कर सकते हैं, जो राज्य में ईसाई समाजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि का पर्याय बन सकता है।

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