साल 1995 में मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी वही मुख्यमंत्री बनने से पहले मायावती सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी और यही वजह थी कि उनकी हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी वही आमतौर पर मायावती अंग्रेजी में इंटरव्यू नहीं दिया करती थी और एक बार उनसे इसका कारण भी पूछा गया था तो उन्होंने इसका कारण ही बता दिया था!
उस दौरान वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने उनसे पूछा था कि आप अंग्रेजी मीडिया में बहुत कम बात करती है तो मायावती ने इस सवाल पर मुस्कुराते हुए जवाब दिया था कि मैं जिस समाज से आती हूं खासतौर से एससी एसटी या फिर ओबीसी या रिलिजियस माइनॉरिटी के लोग हैं जिनकी जनसंख्या 100 में से 85 के लगभग हैं यह लोग ज्यादातर आंतों में रहते हैं आज भी 80% जनसंख्या देहांत में है यह लोग सभी ज्यादातर हिंदी को समझते हैं और मैं चाहती हूं कि जो भी कुछ मैं बोलूं वह देहांत में रहने वाले दलित समाज तक पहुंचे!
वहीं शेखर गुप्ता कहते हैं कि आप तो पढ़ाई कर रही थी और वहां तो अंग्रेजी में ही काम करना होता था फिर वहां कैसे हो पाता तो मायावती इसका जवाब भी देती है और कहती है कि मैं फिर इस तरीके से नहीं सोचती मैं देश के दबे कुचले तबके को अपने पैरों पर खड़ा करना चाहती हूं हर जगह परिस्थितियां अलग होती है मैं AC वाले कमरे में बैठकर केवल हुक्म दे रही होती कोई ऐसे धूप में घूम कर पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर रही होती!