हर एक फिल्म में हीरो जितना इंपॉर्टेंट होता है उतना ही इंपॉर्टेंट होता है उस फिल्म का विलेन। सदियों से यह चलता रहा है अगर अच्छाई की जीत होती है तो वहां बुराई का होना जरूरी है। वैसे ही हमारी फिल्म इंडस्ट्री में भी कई सारे लोग अपनी नकारात्मक किरदारों के लिए जाने जाते हैं । आज के सपोर्ट में भी हम एक ऐसे ही मशहूर किरदार के बारे में बात करने जा रहे हैं उन्होंने विलेन के किरदारों से ही दर्शकों के दिल में अपने लिए जगह बनाई। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई फिल्मों में उन्हें हम विलेन के रूप में देख चुके हैं।
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वह है रामी रेड्डी जिन्हें अपनी अधिकतर फिल्मों में नेगेटिव रोल निभाते हुए ही देखा गया है। एक विलेन के रूप में काम करते हुए उन्होंने गज़ब की लोकप्रियता भी हासिल की है। उन्होंने साल 1990 में आई फिल्म प्रतिबंध की तो उसमें अभिनेता रामी रेड्डी को अन्ना नाम के एक विलेन के किरदार को निभाते हुए देखा गया था इसे निभाने के बाद असल जिंदगी में भी दर्शकों के दिल में इनकी एक वैसी ही छवि बन गई थी।
यही एक प्रॉब्लम है आप असल जिंदगी में जैसे भी हैं लेकिन ऑनस्क्रीन आपको जैसे दिखाया जाता है या फिर जैसे किरदार आप निभाते हैं लोगों की नजर में आपकी वैसे ही इमेज बन जाती है।
रामी रेड्डी अपने करियर के शुरुआती दिनों में 90 के दशक के मशहूर विलेन रह चुके हैं। उस वक्त रामी रेड्डी के पास कई सारी फिल्मों के ऑफर्स थी लेकिन गुजरते वक्त के साथ इन्हें बॉलीवुड फिल्मों से ऑफर्स मिलना कम होने लगे जिसके बाद मजबूरन उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री का रुख करना पड़ा।
हालांकि कुछ वक्त बाद दोबारा होने बॉलीवुड फिल्म का ऑफर आया जिसे वह मना नहीं कर पाए लेकिन धीरे-धीरे फिर से वह साउथ फिल्म इंडस्ट्री की तरफ मुड़ गए और बॉलीवुड फिल्म में उनकी मौजूदगी कम पाई गई।
उन्होंने एक बार डायरेक्शन और प्रोडक्शन में भी अपना हाथ आजमाने की कोशिश की थी लेकिन इस चित्र में उन्हें खास कामयाबी हासिल नहीं हुई और इसी बीच रामी रेड्डी की जिंदगी ने एक भयानक मोड़ ले लिया जिसके बाद अभिनेता एक गंभीर बीमारी से ग्रसित होते चले गए और इसी के साथ उनकी पूरी जिंदगी बदल गई।
रामी रेड्डी को लीवर में परेशानी आने लगी थी जिस वजह से वह अधिकतर बीमार रहने लगे थे ऐसे में कई करीबी लोगों के साथ उनके रिश्ते कमजोर होते चले गए। उन्हें लेकर ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि वह कैंसर का शिकार हो गए हैं जिस वजह से लगातार उनके वजन में गिरावट आ रही थी और ऐसे में उन्हें पहचानना भी काफी मुश्किल हो गया था क्योंकि उनकी शरीर की हड्डियां बिल्कुल साफ नजर आ रही थी।
और फिर वह दिन आया जब रामी रेड्डी इस दुनिया को अलविदा कह गए। साल 2011 में 14 अप्रैल के दिन ही रामी रेड्डी ने अपनी आखिरी सांस ली।