समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की पूरी जमीन को सरकार के द्वारा वापस लिया जा सकता है! गुरुवार को यूनिवर्सिटी पहुंची तहसील की टीम ने जमीन पर कब्जा करने के साथ ही आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को बेदखल कर दिया है और साथ ही अस्पताल से आजम को सीधा जेल भी भेजा जाएगा! यह ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी को संचालित किया करता था और आजम खान इसके अध्यक्ष हैं जबकि उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ तजीन फात्वा सचिव है!
खबर तो यह आ रही है कि दोपहर 3:00 बजे तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार के नेतृत्व की टीम यूनिवर्सिटी पहुंची है और तहसीलदार ने यूनिवर्सिटी के कुलपति सुल्तान मोहम्मद खान से बातचीत की उनसे दखलनामा पर साइन करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने खुद को मुलाजिम बताते हुए साइन करने से मना कर दिया! इस पर दो गवाहों और पुलिस की मौजूदगी में 173 एकड़ की जमीन की कबजा बेदखली की कार्रवाई की गई!
इस जमीन को जनवरी के महीने में तहसील प्रशासन ने शासन में निहित करा दिया था तब अपन अधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने इस जमीन को सरकार में निहित करने के लिए आदेश देते दिए थे इसके विरोध में जो हर ट्रस्ट हाई कोर्ट में चला गया था लेकिन 6 सितंबर उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया प्रशासन के फैसले को सही ठहरा दिया इसके बाद ही तहसील प्रशासन ने बेदखली की कार्रवाई की!
बता दें कि जोहर यूनिवर्सिटी के पास 265 एकड़ जमीन थी लेकिन अब 12.50 एकड़ यह जमीन भी यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर बताई जा रही है यह जमीन ट्रस्ट ने सबसे पहले खरीदी थी इसलिए इसको ट्रस्ट के कब्जे में छोड़ा गया है बाकी जमीन ले ली गई है!