पिछले कुछ दिनों से संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग के दिल्ली के दफ्तर के बाहर दिल्ली में रहने वाले और कहानियों के द्वारा विरोध किया जा रहा है ऐसे में इन लोगों की मांग है कि इनको अस्थाई वीजा और रिफ्यूजी का दर्जा दे दिया जाए! इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी जिस आज याचिका में लोगों को हटाने की मांग की गई थी पूरे मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि कोरोनावायरस के माहौल में प्रशासन के द्वारा 500 से अधिक लोगों की संख्या इकट्ठा कैसे होने दी गई?
वही बता दे कि अफगानिस्तान में तालिबान के द्वारा कब्जा किया जा चुका है तो वहीं भारत में रहने वाले अफगानी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के वसंत कुछ स्थित यूएनएचआरसी के दफ्तर के बाहर विरोध कर रहे हैं! इस मामले को लेकर इन लोगों के विरुद्ध दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसके अंदर महामारी को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी याचिकाकर्ताओं का कहना है कि स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें अपने रोजमर्रा के कामों और आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!
वही मामले को लेकर याचिकाकर्ता का कहना है कि विरोध करने वाले लोग वहीं पर रह रहे हैं इसके साथ ही यह लोग खुले में शौच कर रहे हैं और कचरा फैला रहे हैं इनके द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया इनमें से कई लोगों ने शायद अभी तक कोरोनावायरस से बचाव करने का टीका भी नहीं लगवाया है!
वही ऐसे में पूरे मामले को सुनकर दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने चिंता जताते हुए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के वकीलों से कहा कि “क्षेत्र के चित्रों को देखिए! अगर यह कोरोना स्प्रेडर साबित हुआ तो क्या होगा? क्या है यह सब? जब आप गाड़ियों में मास्क न पहनने के लिए रोज़ाना लोगों के चालान कर रहे हैं, तो यहाँ भी तो कुछ प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।”