अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे हो जाने के बाद भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को वापसी करवाई है! लेकिन ऐसे में रविवार को अपने घर लौटने के बाद कोलकाता निवासी तमाल भट्टाचार्य तालिबान की प्रशंसा कर दी जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया! उत्तरी दमदम इलाके के निमिता में रहने वाले 24 वर्ष के भट्टाचार्य अफगानिस्तान में सबसे फंसे हुए थे जब से तालिबान ने काबुल पर अधिकार जमाया था!
दरअसल मैकेनिकल इंजीनियर भट्टाचार्य काबुल के कर्दन इंटरनेशनल स्कूल में फिजिक्स और केमिस्ट्री पढ़ाया करते थे! इंजीनियरिंग के समय से भट्टाचार्य स्कूल के स्टाफ क्वार्टर में रहा करते थे! हालांकि तालिबान के काबुल शहर पर कब्जा करने के बाद उन्हें खुद को प्रिंसिपल की आवाज के अंदर बंद होने के लिए मजबूर होना पड़ गया!
ऐसे में उनका कहना है कि उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह हामिद करजई इंटरनेशनल हवाई अड्डे तक नहीं पहुंच सके! बाद में उन्होंने शुक्रवार को रात 11:00 बजे हवाई अड्डे के गेट पर पहुंचने का दावा किया! लेकिन सरकारी अधिकारियों और दस्तावेजों की कमी के कारण अमेरिकी सुरक्षाबलों ने उनको वापस भेज दिया!
उन्होंने कहा कि तालिबानी हवाई अड्डे के आसपास के थे और उन्हें पास के एक विवाह कक्ष में रात बितानी पड़ गई आनंद बाजार पत्रिका से बात करते हुए उनका कहना है कि कृपया प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को सूचित करें ताकि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जा सके!
वही एबीपी आनंद ने बताया है कि भारतीय नागरिक ने उन्हें व्हाट्सएप कल एक संदेश के माध्यम से वहां क्या हो रहा है इस बारे में जानकारी देने के लिए कहा था उसके माता-पिता ने तालिबानियों ने पूछताछ के बाद रिहा कर दिया था आखिरकार भट्टाचार्य को 10 मंगा निवासियों के साथ भारतीय वायु सेना के कर्मियों वहां से बाहर निकाल लिया! शनिवार की देर रात फ्लाइट में सवार हुए और रविवार की सुबह देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए!
वही उसी दिन नई दिल्ली से फ्लाइट लेकर वह कोलकाता लौट गए भट्टाचार्य जिसे भारत सरकार ने सफलतापूर्वक बचाया उसने घर पहुंचने के बाद तालिबान की प्रशंसा कर दिया एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार भट्टाचार्य ने दावा कर दिया कि तालिबान ने ना तो केवल उनके साथ अच्छा व्यवहार किया बल्कि उन्हें अच्छा खाना भी खिलाया उन्होंने दावा किया है कि तालिबानियों ने हमारे साथ क्रिकेट भी खेला है!
बचाव की गुहार सुन मोदी जी और शाह जी ने अफ़ग़ानिस्तान में फँसे भारतीय शिक्षक को बचा लिया। शिक्षक महोदय #Kolkata पहुँचते तालिबान की तारीफ़ करने लगे। आस्तीन के साँप ऐसे ही होते होंगे। ये वामी दोगलई का ताज़ा उदाहरण है। अपना देश छोड़ सब इन्हें भाता है।
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) August 24, 2021