पेगासस, किसानों और अन्य मुद्दों पर आज संसद के दोनों सदनों में बवाल की आशंका है। संसद के मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते में आज लोकसभा में आरक्षण से जुड़ा एक अहम बिल पेश किया गया है. इस बिल के पारित होने से OBC वर्ग को काफी फायदा हो सकता है। इस विधेयक में केंद्र सरकार राज्यों को OBC सूची बनाने का अधिकार देने जा रही है।
जानकारों का मानना है कि इस बिल को संसद में पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि इस बिल के खिलाफ कोई राजनीतिक दल नहीं है। हालांकि संसद में हंगामे की संभावना है। यह राज्यों को ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार देने वाला 127वां संविधान संशोधन विधेयक होगा। हाल ही में इस बिल को कैबिनेट में मंजूरी मिली है।
संसद के दोनों सदनों से पास होते ही इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि सोमवार को संसद में छह विधेयक पेश किए जाने हैं। OBC RESERVATION BILL के अलावा नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप बिल, नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी बिल, डिपॉजिट एंड इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी बिल और संविधान संशोधन शेड्यूल ट्राइब्स ऑर्डर बिल है।
अगर आज संविधान के अनुच्छेद 342ए और 366(26)सी में संशोधन को संसद में मंजूरी मिल जाती है तो राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राज्य सरकारें अपनी मर्जी से किसी भी जाति को ओबीसी आरक्षण की सूची में रख सकती हैं। आपको बता दें कि मराठा, जाट, पटेल, लिंगायत समेत कई वर्ग लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
राज्यसभा की बात करें तो लोकसभा में पास हुए चार बिल आज राज्यसभा में पेश किए जाएंगे. सरकार इन चारों विधेयकों को राज्यसभा में पारित कराने की कोशिश करेगी। इसमें मुख्य रूप से जनरल इंश्योरेंस बिल और ट्रिब्यूनल रिफॉर्म बिल को पास करना होता है। पेगासस के मुद्दे पर विपक्ष संसद के पहले दिन से ही हंगामा कर रहा है.