मेहंदी यानी मेहंदी से हाथों पर तरह-तरह के डिजाइन बनाना। मेहंदी सिर्फ हाथों में ही नहीं बल्कि कई लोग इसे अपने बालों में भी लगाते हैं। इसका उपयोग प्राकृतिक रंग के लिए किया जाता है। मेहंदी को लगभग सभी धर्मों में पवित्र माना जाता है। शादी में दूल्हा-दुल्हन के हाथों में मेहंदी जरूर बनती है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं? भारत में रहने वाले लोग भी शायद इसका कारण नहीं जानते होंगे। ऐसे में आज हम आपको इसकी वजह बताते हैं। ये है BSNL के सबसे सस्ते प्लान, मात्र 500 रुपए में पाइए 1000 GB DATA और ये सारी सुविधाएं ….
मेहंदी एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल हर धर्म में किया जाता है। हिंदू हो या मुसलमान, हर कोई मेहंदी का इस्तेमाल करता है। मेहंदी का इस्तेमाल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी किया जाता है। भारत में शादी से लेकर शादी तक कई धार्मिक मौकों पर मेहंदी बनाई जाती है। हिंदू धर्म में इसे सोलह श्रृंगार का अंग माना गया है। शादी में दूल्हा और दुल्हन दोनों के हाथों में मेहंदी बनाई जाती है। इसकी एक खास वजह है। दरअसल, यह मेहंदी न सिर्फ खूबसूरती में चार चांद लगाती है, बल्कि बेहद पवित्र भी है।
कहा जाता है कि शादी के वक्त दूल्हा-दुल्हन को घबराहट होने लगती है। ऐसे में ठंडक देने वाली मेहंदी को शरीर पर लगाने से शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसी वजह से उनके हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है। इसके अलावा मेहंदी को प्यार की निशानी भी माना जाता है। कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना लाल होता है, पति-पत्नी के बीच उतना ही प्यार बढ़ता है। साथ ही, शादी में जितने लंबे समय तक रंग रहते हैं, यह जोड़े के लिए उतना ही अधिक भाग्यशाली होता है।
आपको बता दें कि मेहंदी को न केवल हिंदू धर्म में बल्कि मुसलमानों में भी पवित्र माना जाता है। इसका उपयोग पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी किया जाता है। कहा जाता है कि पैगंबर मुहम्मद ने अपनी दाढ़ी में मेंहदी लगाई थी। इसी वजह से आज भी मुसलमान इसे अपनी दाढ़ी में इस्तेमाल करते हैं। साथ ही पुराने समय में इसका इस्तेमाल इलाज में भी किया जाता था। तो अब आप जान गए हैं कि शादी से पहले मेहंदी क्यों लगाई जाती है?